डीजे की तेज आवाज सेहत के लिए खतरनाक… हार्ट अटैक का बन रहा कारण

राष्ट्रीय

डीजे या लाउड स्पीकर की तेज आवाज़ कभी-कभी लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। इसके बावजूद हर कार्यक्रमों में डीजे का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। कहने को तो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे सहित किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाना प्रतिबंधित है। लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा। नियमों को ताक पर रखकर रातभर तेज आवाज के साथ डीजे व अन्य साउंड सिस्टम बजते रहते हैं। इस बात की ना तो किसी को चिंता होती और ना ही किसी को पता रहता है कि कार्यक्रम में बजने वाले साउंड सिस्टम और डीजे की ध्वनि की तीव्रता कितनी होनी चाहिए। एक निश्चित वॉल्यूम के बाद अधिक तीव्रता से बजने वाले साउंड सिस्टम के कारण व्यक्ति की सुनने की क्षमता, नींद, दिमागी संतुलन तथा हृदय पर बड़ा दुष्प्रभाव पड़ता है। डीजे की धमाधम आवाज व वाइब्रेशन की वजह से व्यक्ति की हार्ट बीट तो डिस्टर्ब होती है, इसके अलावा हृदय की रिदम बिगड़ने से इलेक्ट्रीकल इम्पल्स प्रभावित होती है जिससे अचानक हार्ट पंपिंग बंद हो जाती है और अधिकतर घटनाओं में मौके पर ही व्यक्ति की मौत हो जाती है। हालांकि हार्ट द्वारा पंपिंग बंद होना या कहें कि कार्डियक अरेस्ट के स्वास्थ्य से जुड़े और भी कारण हो सकते हैं। लेकिन तेज ध्वनि भी विशेष कारण होती है। इसलिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का सीमित समय के लिए और सीमित वॉल्यूम पर ही उपयोग होना चाहिए।