अदला-बदली बच्चों की पहचान करने होगा DNA टेस्ट, उसके बाद होगा फैसला… जानिए पूरा मामला

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छत्तीसगढ़ : दुर्ग जिला अस्पताल के मदर चाइल्ड वार्ड में बच्चा बदलने का मामला DNA टेस्ट तक पहुंच गया है। दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जांच समिति और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू को डीएनए टेस्ट कराने के आदेश दे दिये हैं। सिविल सर्जन डॉक्टर हेमंत कुमार साहू ने दोनों नवजात के स्वास्थ्य जांच का निर्देश शिशु रोग विशेषज्ञ को दिया था। दोनों शिशुओं का शिशु रोग विशेषज्ञ ने स्वास्थ्य परीक्षण किया है व दोनों शिशु पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है। आदेश दिया गया है कि 15 दिन के भीतर दोनों शिशुओं का डीएनए टेस्ट करवाकर प्रस्तुत करें। शिशु को उनके जैविक माता पिता के सुपुर्द किया जा सके। आदेश में यह भी कहा गया है कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होते तक दोनों शिशु व माता को जिला चिकित्सालय के सुरक्षण में रखना सुनिश्चित किया जाए। यह आदेश बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को आदेश का पालन सुश्चित करने निर्देशित किया गया है।

जिला अस्पताल, दुर्ग में शबाना और साधना की डिलीवरी हुई। दोनों के ही बच्चे स्वस्थ्य हैं। शबाना और उसके परिवार का कहना है कि अस्पताल में दोनों के बच्चे बदल गए। इसके बाद से शबाना और उनका परिवार जिला अस्पताल का चक्कर लगा रहा है। बच्चे के टेग में साधना लिखा था, तब उनको यह मालूम हुआ कि बच्चा उनका नहीं है। अब परिवार बच्चे और उसकी मां को जिला अस्पताल में लाकर रखा है, ताकि बच्चे की देखभाल में कोई कोताही न बरती जाए।