उत्तर प्रदेश के आगरा में डॉक्टरों ने गंभीर बीमारी से जूझ रहे 9 साल के बच्चे को नई जिंदगी दी है. डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक जटिलतम सर्जरी की. सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी न्यूरो सर्जरी विभाग ने बच्चे की रीढ़ की हड्डी से बालों का गुच्छा निकाल दिया. यह रीढ़ की हड्डी की दुर्लभ सर्जरी है.
दरअसल, खंदौली क्षेत्र के रहने वाले 9 वर्षीय बच्चे की रीढ़ की हड्डी में जन्मजात विकृति थी. बच्चे के पैर में सुन्नपन था, घाव की समस्या थी. रीढ़ की हड्डी में बीमारी की वजह से बच्चे के पैर के घाव भर नहीं पा रहे थे. उसके पैर दिन पर दिन कमजोर होते जा रहे थे. चलने फिरने में परेशानी थी. तीन महीने पहले बच्चा अपने परिजनों के साथ एसएन मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में ओपीडी में आया था.
डॉक्टर ने बच्चे को देखा और जरूरी जांच की गई. एमआरआई करने पर पता चला कि बच्चे को दी हाडायस्टमेटोमाइलिया टाइप बोनी स्पर विथ टेथर्ड नाम की बीमारी है. जांच के बाद बच्चे का इलाज शुरू किया गया और ऑपरेशन किया. डॉक्टर ने ऑपरेशन कर बच्चे की रीढ़ की हड्डी की नसों से दबाव हटाया और बोनी स्पर को निकाला.
ऑपरेशन के 3 महीने बाद बच्चा पूरी तरीके से ठीक हो गया है. उसके पैर के घाव भर गए हैं. पैरों का सुन्नपन खत्म हो गया है. बच्चा अब आसानी से चल फिर रहा है. अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है. यह ऑपरेशन सर्जन और सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर प्रशांत गुप्ता की देखरेख में न्यूरो सर्जरी विभाग, बाल रोग विभाग एवं एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों ने किया है.
बच्चे की बीमारी को लेकर क्या बोले न्यूरो सर्जन?
न्यूरोसर्जन डॉ. गौरव ठाकरे ने बताया कि ऐसे ऑपरेशन के बाद मल एवं मूत्र पर नियंत्रण खत्म होने का खतरा रहता है, लेकिन इस ऑपरेशन के बाद बच्चे को कोई समस्या नहीं है. बच्चे की दुर्लभ सर्जरी के बाद रीढ़ की हड्डी से बालों का गुच्छा निकाल दिया गया है. बच्चा अब पूरी तरह ठीक है. सफल ऑपरेशन के बाद परिजनों ने एसएन मेडिकल कॉलेज की डॉक्टरों का आभार जताया है.
सर्जरी को लेकर क्या बोले मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य
सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि जून के महीने में बच्चा एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आया था. परीक्षण के बाद बच्चे की सफल सर्जरी की गई है. सर्जरी बेहद जटिल थी. उसमें 6 घंटे का समय लगा है.