रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के कारण चीलों ने बदली राह…

अंतरराष्ट्रीय

रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से भी ज्यादा समय से लड़ाई जारी है. इस युद्ध के कारण चीलों की एक खास प्रजाति ने अपने माइग्रेशन का रास्ता ही बदल दिया.रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने पहले से ही संवेदनशील ‘ग्रेटर स्पॉटेड चीलों’ की प्रजाति के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है. साइंस जर्नल ‘करेंट बायॉलजी’ में छपी एक स्टडी के मुताबिक, युद्ध के कारण इन चीलों को अपने प्रवासन का रास्ता बदलना पड़ा है संघर्ष और युद्ध केवल इंसानों को ही नहीं, बल्कि जानवरों और पक्षियों को भी प्रभावित करते हैं. युद्ध के कारण होने वाले पर्यावरणीय नुकसान का सीधा संबंध ग्रेटर स्पॉटेड चीलों के प्रवासन में आए बदलाव से है. ये चील प्रजनन के लिए यूक्रेन के रास्ते दक्षिणी बेलारूस जाते हैं. ग्रेटर स्पॉटेड चीलों को ‘इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर रेड लिस्ट’ ने संवेदनशील प्रजातियों की श्रेणी में रखा है. चीलों की यह प्रजाति पश्चिमी और केंद्रीय यूरोप, खासकर बेलारूस और पोलेसिया के इलाकों में पाई जाती है यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही इन चीलों के माइग्रेशन के रास्ते में बदलाव देखा गया. शोधकर्ताओ ने 19 चीलों के प्रवासन का अध्ययन किया और पाया कि यूक्रेन में बनी स्थितियों के कारण इन्होंने प्रवासन के लिए लंबा रास्ता चुना. रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में युद्ध शुरू हुआ था.

शोधकर्ताओं ने मार्च और अप्रैल 2022 के दौरान चीलों के प्रवासन का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि इन चीलों ने 2019 और 2021 में जो रास्ता लिया था, उसे इस बार नहीं चुना. युद्ध शुरू होने के बाद इन चीलों ने औसतन 85 किलोमीटर अधिक लंबा रास्ता तय किया. इनमें से कुछ चीलों ने तो 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की.