Earthquake: इंडोनेशिया के मोलुक्का सागर में आया 6 तीव्रता का भूकंप

राष्ट्रीय

Earthquake: इंडोनेशिया में एक बार फिर धरती कांपी है। शुक्रवार की दोपहर इंडोनिशया के करीब मोलुक्का सागर में शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने कहा कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई है। भूकंप 10 किमी (6.2 मील) की गहराई पर था।

यह भूकंप भारतीय समयानुसार दोपहर 3:51 पर आया। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है। हालांकि लोग दहशत में हैं।

पिछले हफ्ते शुक्रवार को ही आया था भूकंप
इंडोनेशिया में बीते हफ्ते शुक्रवार को भी भूकंप आया था। जावा द्वीप के उत्तर में शक्तिशाली झटके महसूस किए गए थे। तब इसकी तीव्रता 7.0 मापी गई थी।

फिजी में हफ्ते भर में आया था दो बार भूकंप
इंडोनेशिया से पहले फिजी में 18 अप्रैल को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी। भूकंप सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर आया। इसकी गहराई 569 किलोमीटर थी। बता दें कि फिजी दक्षिण प्रशांत का एक देश है। यह 300 से अधिक द्वीपों का एक द्वीपसमूह है।

संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर यह दूसरा भूकंप था। इससे पहले, 13 अप्रैल को फिजी में रिक्टर पैमाने पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था।

भूकंप के दौरान क्या करें?
भूकंप आने की स्थिति में हमेशा शांत रहना चाहिए और दूसरों को आश्वस्त करना चाहिए।
घटना के दौरान, हमेशा सबसे सुरक्षित जगह की तलाश करनी चाहिए। जैसे- खुली जगह, इमारतों से दूर खड़े होना चाहिए।
घर के अंदर रहने वाले वैसे लोग जो समय रहते नहीं निकल पाते, उन्हें डेस्क, टेबल या बिस्तर के नीचे छिप जाना चाहिए। साथ ही शीशे वाले खिड़कियों से दूर रहना चाहिए।
शांत रहते हुए इमारत से बाहर जाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे भगदड़ मच सकती है।
यदि बाहर हैं तो इमारतों और बिजली के तारों से दूर हट जाना चाहिए और चलते वाहनों को तुरंत रोक देना चाहिए।
कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक
0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।