पिज्जा-बर्गर खाने से हो सकता है कैंसर! वैज्ञानिकों ने दी ये चेतावनी

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अगर आप भी फास्ट फूड खाने के शौकीन हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक पिज्जा, बर्गर, बिस्किट्स, कोल्ड ड्रिंक्स और तरह-तरह के अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड (खाद्य पदार्थ) के सेवन से आंतों के कैंसर का खतरा हो सकता है. यह बीमारी फैमिली हिस्ट्री, बढ़ती उम्र और खराब जीवनशैली से जुड़ी है. हाल ही में हुई एक नई रिसर्च में पाया गया है कि अगर किसी व्यक्ति की लाइफस्टाइल लंबे समय तक खराब रहती है तो वो इस बीमारी की चपेट में आ सकता है.

रिसर्च में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने वाले 29 फीसदी फीसदी पुरुषों में इस बीमारी के होने की संभावना पाई गई है. वैज्ञानिकों ने ये भी पाया कि जो महिलाएं अधिक मात्रा में रेडी टू ईट फूड का सेवन करती हैं उनमें आंतों के कैंसर का खतरा 17 फीसदी बढ़ जाता है.

क्या होता है अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड और क्यों हो सकता है इससे कैंसर

अल्ट्रा-प्रॉसेस्ड खाद्य पदार्थ वो कहलाते हैं जिनमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिन्हें आप सामान्य तौर पर घर में खाना बनाते वक्त इस्तेमाल नहीं करते हैं जैसे कि केमिकल और स्वीटनर, जो शरीर को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड और प्रोसेस्ड फूड में फर्क है. प्रोसेस्ड फूड में खाने को गर्म करना, फ्रीज करना, डाइसिंग, जूसिंग शामिल होता है. प्रोसेस्ड फूड आपके लिए उतना हानिकारक नहीं होता है.

सामान्य तौर पर खाए जाने वाले कॉमन अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड आइटम

– इंस्टेंट नूडल्स और सूप
– रेडी टू ईट मील्स
– पैक्ड स्नैक्स
– फिजी कोल्ड ड्रिंक्स
– केक, बिस्किट, मिठाई
– पिज्जा, पास्ता, बर्गर

ये खाद्य पदार्थ सस्ते और आसानी से मिलने वाले होते हैं लेकिन इनमें काफी अधिक कैलोरी होती है. इस कारण आप भूख से ज्यादा खा लेते हैं और फिर वजन भी बढ़ने लगता है. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड वैस्टर्न लाइफस्टाइल का सामान्य हिस्सा बन चुका है. लगभग 23,000 लोगों पर हुई एक और रिसर्च में वैज्ञानिकों ने अनहेल्दी डाइट और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने वाले लोगों के बीच डेथ रेट अधिक पाया. इसलिए वैज्ञानिकों ने कहा है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी बना लेनी चाहिए.

ऐसे बनाएं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से दूरी

ब्राजील में हुई एक स्टडी के मुताबिक, ये एक आम धारण है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड बहुत सामान्य है और चाहकर भी इससे बचा नहीं जा सकता है जबकि वास्तव में ये गलत है. दरअसल, किसी भी प्रकार की डाइट में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की जरूरत नहीं होती है. लोग बस सुविधा और स्वाद के लिए इसे अपनी डाइट में शामिल कर लेते हैं.

ज्यादातर अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स में काफी वसा, चीनी और नमक होता है जबकि सेहत के लिए जरूरी फाइबर और पोषक तत्वों की कमी होती है. अगर आप भी इस तरह के अनहेल्दी खाने से बचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी डाइट को सख्त करना होगा. ये ध्यान रखना होगा कि आप अपनी सेहत को फायदा पहुंचाने वाले फूड प्रोडक्ट्स का सेवन करें.

रिचर्स में ये भी बताया गया कि लोगों को इस तरह के हानिकारक खाद्य पदार्थों से बचाने के लिए सबसे तर्कसंगत और कारगर समाधान सरकार की पॉलिसी हो सकती हैं जिसमें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का उत्पादन, खपत और प्रचार को कम करने के लिए कदम उठाएं जाएं. साथ ही लोगों को हेल्दी डाइट के लिए प्रेरित किया जाए. हालांकि लोग खुद से भी एहतियात बररते हुए अपने खान-पान की आदतों में बदलाव कर सकते हैं और एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो कर सकते हैं.