IAS रानू साहू के मायके में ED का छापा, सुबह पांच बजे अधिकारी

क्षेत्रीय

छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह से सर्च ऑपरेशन चला रहे प्रवर्तन निदेशालय-ED ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। उसके टारगेट में रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू हैं। ED के अधिकारियों ने मंगलवार को साहू के मायके में दबिश दी है। सुबह पांच बजे पहुंचे अधिकारी गरियाबंद के पाण्डुका में कई घरों में जांच कर रहे हैं।

ED के 12 अधिकारियों की एक टीम ने सुबह 5 बजे पाण्डुका में गरियाबंद की जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू और कांग्रेस नेता शैलेंद्र साहू का दरवाजा खटखटाया। पहले तो परिवारवालों ने टीम को अंदर नहीं आने दिया, लेकिन कुछ देर बाद टीम घर के अंदर चली गई। उसके बाद से टीम वहां जांच कर रही है। लक्ष्मी साहू कलेक्टर रानू साहू की मां हैं। वहीं शैलेंद्र साहू उनके चचेरे भाई हैं।

ED की टीम वहां दस्तावेजों को खंगाल रही है। बताया जा रहा है, मैनपुर में एक 12 एकड़ के तालाब के भी इस परिवार के नाम होने की जानकारी सामने आई थी, क्योंकि इसकी प्रारंभिक रजिस्ट्री में परिवार का नाम था। इस एंगल पर भी जांच की जा रही है। छापे की कार्रवाई के लंबा चलने की आशंका जताई जा रही है।

ED की एक बड़े सर्च ऑपरेशन के तौर पर 11 अक्टूबर की सुबह प्रदेश के 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके केंद्र में कोयला ढुलाई से जुड़ा नेटवर्क था। एजेंसी ने रायपुर के अलावा कोरबा, रायगढ़, महासमुंद आदि जगहों पर ध्यान केंद्रित किया।

रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू नहीं मिलीं तो उनका सरकारी बंगला सील कर दिया गया। 12 अक्टूबर को रानू साहू ने रायगढ़ पहुंचकर ED के जांच अधिकारी को तलाशी के लिए आमंत्रित किया। बाद में उनके बंगले और रायगढ़ कलेक्ट्रेट की भी विस्तृत तलाशी ली गई है। वहां से ED की टीम लौट आई है।

रानू साहू ने चिट्‌ठी लिखकर कहा था- जांच में सहयाेग करुंगी

रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू हैदराबाद से लौटने के बाद अपने सरकारी लेटर हेड पर ED के जांच अधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि, वे जांच में सहयोग करेंगी। रानू साहू का कहना है, 10 अक्टूबर से वे अवकाश पर थीं। उनका हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में इलाज चल रहा था। वहां उनका एक माइनर ऑपरेशन भी हुआ। अब वे रायगढ़ में आ गई हैं। वे पूर्ण पारदर्शिता से प्रशासनिक कार्य करती हैं। उन्होंने आश्वस्त किया था कि ED की जांच में उनकी ओर से पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक ईडी की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि बीजेपी सीधे नहीं लड़ पा रही है तो ईडी-आईटी के माध्यम से लड़ने की कोशिश कर रही है।

ED की एक बड़ी टीम ने सीआरपीएफ के सुरक्षा घेरे के साथ 12 अक्टूबर मंगलवार तड़के छत्तीसगढ़ के कई जिलों में फैले 40 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। इनमें रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू का सरकारी आवास भी शामिल था। उसके अलावा खनिज विभाग के संचालक IAS जेपी मौर्या, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई, पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर सहित कोयला और परिवहन कारोबार से जुड़े तमाम व्यापारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां छापा पड़ा। रायगढ़ में रानू साहू नहीं मिली तो एजेंसी ने उनके सरकारी आवास को सील कर दिया था।

12 अक्टूबर मंगलवार को छत्तीसगढ़ के रायगढ़, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और महासमुंद जिले में ईडी का छापा पड़ा था। इन प्रमुख शहरों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी देर रात पहुंच चुके थे और सुबह 5:00 बजे अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा गया था।