प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राजकीय यात्रा पर मिस्र पहुंचे। रविवार को उन्होंने राजधानी काहिरा में देश के राष्ट्रपति अब्दल फतह अल-सीसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। राष्ट्रपति सीसी ने मोदी को मुलाकात के दौरान देश के सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ द नाइल से सम्मानित किया है। यह प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है। इस साल जनवरी में गणतंत्र दिवस के मौके पर अल सीसी बतौर चीफ गेस्ट भारत आए थे। इसी दौरान उन्होंने पीएम मोदी को भारत आने का न्यौता दिया था। भारत से आखिरी बार कोई पीएम सन् 1997 में मिस्र की यात्रा पर गया था। ऐसे में 26 सालों में देश की यात्रा करने वाले मोदी पहले भारतीय पीएम हैं। शनिवार को मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली ने मोदी का स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ द ऑनर भी दिया गया था। प्रधानमंत्री ने इस सम्मान के लिए भारत के लोगों की ओर से राष्ट्रपति सिसी को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं। दोनों नेताओं ने भारत और मिस्र के बीच विशेष रूप से व्यापार और निवेश, सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, संस्कृति और लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के तरीकों के बारे में चर्चा की।
क्या है ऑर्डर ऑफ द नील
ऑर्डर ऑफ द नाइल की शुरुआत सन् 1915 में हुई थी। यह सम्मान मिस्र की तरफ से किसी देश के राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों और उपराष्ट्रपतियों को दिया जाता है जिन्होंने इस देश या मानवता के क्षेत्र में अनमोल सेवाएं प्रदान की हैं। यह पुरस्कार दरअसल सोने का एक कॉलर जैसा दिखता है। सोने की यूनिट्स पर फैरोनिक प्रतीक शामिल होते हैं। सोने की पहली यूनिट राज्य को बुराइयों से बचाने के विचार को प्रभावित करती है, दूसरी यूनिट नाइल नदी की तरफ से लाई जाने वाली समृद्धि और खुशी से मिलती जुलती है। जबकि तीसरी यूनिट धन और सहनशक्ति का प्रतीक है। पुरस्कार पर फिरोजा और रत्नों से सजाया गया एक गोलाकार सोने के पेंडेंट है जो तीन यूनिट्स से एक दूसरे से जुड़ी हुए हैं।