महाराष्ट्र : उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कभी उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बागवत कर उनकी पार्टी के विधायकों को तोड़ लिया था। अब वही स्थिति उनके साथ होने वाली है। ऐसी चर्चा महाराष्ट्र से दिल्ली तक है। संजय राउत ने यहां तक कह दिया है कि उदय सामंत केा दिल्ली का समर्थन मिला हुआ है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को तोड़ने से बीजेपी को क्या मिलेगा? आखिर अमितशाह ऐसा क्यों करना चाहते हैं। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को बीजेपी को समर्थन मिला हुआ है। उदय सामंत एनसीपी से शिवसेना में आए थे। अभी देवेन्द्र फडणनवीस सरकार में मंत्री हैं। आखिर एकनाथ शिंदे को कमजोर करने के पीछे वो कौन सी वजह है उनकी पार्टी में विद्रोह की स्थिति निर्मित करना दिल्ली के लिए जरूरी हो गया है। जबकि उदय सामंत कह रहे हैं कि संजय राउत अफवाह फैला रहे हैं। उदय सामंत के बारे में कांग्रेस का कहना है कि उन्हें एकनाथ शिंदे की शिवसेना के भीतर एक ‘नए नेता’ के रूप में तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने ऐसा दावा किया है। जबकि कुछ दिन पहले ही संजय राउत ने दावा किया था कि उदय सामंत के पास 20 विधायकों का समर्थन हासिल है। संजय राउत ने तो यहां तक दावा कर दिया था कि उदय सामंत शिवसेना को तोड़ने जा रहे हैं और उन्हें दिल्ली की ओर से पूरा आशीर्वाद और समर्थन हासिल है। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं के इन बयानों के बाद ही इस तरह की चर्चाएं शुरू हुई हैं।अब आपको इस नेता का नाम बताते हैं। इन नेता का नाम उदय सामंत है और वह महाराष्ट्र की सरकार में उद्योग मंत्री हैं। इन दिनों उदय सामंत वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भाग लेने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ गए हुए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि वह शिवसेना को तोड़ सकते हैं। तमाम तरह की चर्चाओं के बीच उदय सामंत ने कांग्रेस और शिवसेना के बयानों को पूरी तरह खारिज कर दिया है और कहा है कि ऐसे बयान उनके और एकनाथ शिंदे के बीच दरार पैदा करने के लिए दिए जा रहे हैं। उदय सामंत ने दावोस से एक वीडियो जारी करके कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के तीन सांसद और पांच विधायक उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिल चुके हैं और जल्द ही वे शिवसेना में शामिल होंगे। इसके अलावा कांग्रेस के भी नेता एकनाथ शिंदे से भी मुलाकात कर चुके हैं और जल्द ही हमारे लिए काम करेंगे। तमाम तरह की राजनीतिक चर्चाओं के बीच जानना जरूरी होगा कि उदय सामंत कौन हैं। सामंत ने अपना राजनीतिक करियर अविभाजित एनसीपी से शुरू किया था। 2004 में वह कोंकण क्षेत्र की रत्नागिरी सीट से पहली बार विधायक बने थे। फिर 2009 में भी वह इस सीट से फिर से जीते। इसके बाद वह पृथ्वीराज चव्हाण के मुख्यमंत्री रहते हुए शहरी विकास विभाग में राज्य मंत्री बने थे।
2014 में उदय सामंत एनसीपी छोड़कर अविभाजित शिवसेना में शामिल हो गए और रत्नागिरी सीट से फिर से शिवसेना के टिकट पर चुने गए। इस बार उन्हें महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण का प्रभार दिया गया। सामंत के बारे में कहा जाता है कि इस दौरान वे सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीब आ गए थे।सामंत को ठाकरे परिवार का करीबी भी माना जाता था। शिवसेना में भी उनका कद बढ़ा और 2018 में वे शिवसेना के उपनेता बन गए। 2019 में सामंत चौथी बार रत्नागिरी सीट से विधायक चुने गए। इस बार उन्हें उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्रालय दिया गया।
जून, 2022 में जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की और शिवसेना टूट गई तो उदय सामंत एकनाथ शिंदे के साथ चले गए और तब उन्हें लेकर काफी सवाल उठे। इसके बाद से वह शिंदे के करीबी नेताओं में शामिल हो गए।