छत्तीसगढ़ में हाथी ने 3 महिलाओं को मार डाला, एक को सूंड से उठाकर पटका, दो को पैरों तले रौंदा

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छत्तीसगढ़ के कोरबा में दंतैल हाथी ने 3 महिलाओं को कुचलकर मार डाला। बताया जा रहा है कि हाथी गुरुवार सुबह कुसमुंडा खदान के आमगांव में घुसा। यहां एक महिला को सूंड से उठाकर पटका और मवेशियों को मार डाला। देर रात होते तक 2 और महिलाओं को कुचलकर मार डाला. वन विभाग लगातार हाथी के मूवमेंट पर नजर रखा हुआ है. हाथी को रिहायशी इलाके से दूर भगाने की कोशिश की जा रही है. इधर अचानक हाथी के गांव के पास आ जाने से गांव में दहशत है.

खैरभवना गांव में हाथी ने गुरुवार रात एक ही परिवार की दो महिला सदस्यों – तीज कुंवर (60) और सुरजा बाई (40) पर हमला कर दिया. जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. इससे पहले गुरुवार सुबह हाथी ने रलिया गांव में गायत्री राठौर पर उस समय हमला कर दिया जब वह मॉर्निंग वॉक करने घर से बाहर निकली थी. महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसे तुरंत कोरबा के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हाथी ने खोडरी गांव में 5 मवेशियों को भी कुचलकर मार डाला. कटघोरा संभाग के संभागीय वन अधिकारी ने बताया, “हाथी आठ हाथियों के झुंड का हिस्सा था, जो संभाग के करतला वन क्षेत्र में घूम रहे थे. करीब तीन दिन पहले हाथी झुंड से अलग हो गया था और गुरुवार को कटघोरा वन संभाग में कुसमुंडा कोयला खदान के पास के गांवों में घूमते देखा गया. खदान एरिया होने के कारण लोगों की भीड़ को देखकर हाथी आक्रामक हो गया. ग्रामीणों के हाथी ज्यादा खतरनाक होने के कारण उससे दूर रहने को कहा गया. हाथी को सुरक्षित जंगल में वापस भेजने की कोशिश की जा रही है. मंगलवार रात हाथी जांजगीर-चांपा जिले से करतला पहुंचा. ” हाथी के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को 25,000 रुपये की तत्काल राहत राशि वन विभाग की तरफ से दी गई. बाकी 5 लाख 75 हजार रुपये का मुआवजा जरूरी औचारिकताएं पूरी करने के बाद दिया जाएगा.

पिछले एक दशक से छत्तीसगढ़ में खासकर उत्तरी भाग में, मानव-हाथी संघर्ष जारी है. बीते कुछ सालों में ये संघर्ष और बढ़ा है. मुख्य रूप से सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर जिले इस खतरे का सामना कर रहे हैं