हाथियों की दहशत, छतों पर बनानी पड़ी झोपड़ी, गरियाबंद में 500 परिवारों ने बदली दिनचर्या…

क्षेत्रीय

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर रेंज में पिछले डेढ़ महीने से हाथियों ने उत्पात मचाया है। 15 गांव के दायरे में सिकासेर हाथी का दल घूम रहा। फसलों को चौपट कर रहा है। इसके करीब 500 परिवारों की दिनचर्या बदल गई है। रोजगार प्रभावित हुआ है। शाम ढलने से पहले ग्रामीण खाना बना लेते हैं। इसके बाद रात में छतों पर बनी झोपड़ी में डेरा जमा कर जान बचा रहे हैं। अब तक राहत के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है। सिकासेर हाथियों के झुंड में 3 शावकों समेत लगभग 45 सदस्य होने का दावा है। हाथियों का दल सीहार, फरसरा, लुठापारा, धोबी पारा समेत 15 किमी के एरिया में आने वाले लगभग 15 गांव में घूम रहा है।​​​​ इसके चलते​​ पक्के मकान की छत पर भी अब यहां के लोग झोपड़ी बना कर रह रहे हैं। घरों की छतों पर तंबू ही तंबू लगे दिख रहे। गांव की सीमा में हाथी के प्रवेश करते ही कुत्तों के भौंकने की आवाज आने लगती है।

सैकडों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। छिंदौला के युवा कृषक फूलचंद सोरी बताते हैं कि पिछले दो साल से चौपट हो रही फसल के बाद इस बार कई किसानों ने खेती का काम बंद कर दिया है। कमार जनजाति के लोग कच्चा माल लेने जंगल जाना बंद कर दिए हैं। बांस के बर्तन बनाने का काम आधा हो गया है। आमदनी भी अधूरी हो गई है। वन विभाग कुछ नहीं कर रहा।