डुबोई गई दिल्ली, हथिनीकुंड से पानी केवल दिल्ली क्यों छोड़ा गया’, AAP का गंभीर आरोप

राष्ट्रीय

दिल्ली में यमुना का जलस्तर भले ही कम हो रहा है लेकिन अभी भी कई इलाके बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. कई जगहों पर लोग खुली आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. इस बीच दिल्ली में आई बाढ़ को लेकर राजनीति आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है. यमुना में बाढ़ को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली को जानबूझकर डुबाया गया और इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है.

केवल दिल्ली भेजा गया पानी- भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ने कहा, ‘दिल्ली को जानबूझकर डुबाया गया, हथिनीकुंड बैराज से अतिरिक्त पानी केवल दिल्ली भेजा गया.’ सौरभ भारद्वाज का दावा है कि हथिनीकुंड बैराज से केवल दिल्ली के लिए पानी छोड़ा गया जबकि पश्चिमी नहर के लिए कोई पानी नहीं छोड़ा गया. इस पर राजनीति की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट समेत दिल्ली की सभी महत्वपूर्ण संस्थागत इमारतों को डुबाने की साजिश थी

केजरीवाल ने कही थी ये बात

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ की स्थिति पर कहा, ‘ITO बैराज पर 32 में ये 5 गेट बंद हैं. इन्हें हरियाणा सरकार सँभालती है. इनके बंद होने से पानी की निकासी आगे की तरफ़ बाधित हो रही है. नेवी और आर्मी के साथ मिलकर हम इन्हें खोलने की कोशिश कर रहे हैं, शाम को मैं खुद मौक़े पर गया और टीम से बात की. इन गेट के खुलने से पानी का बहाव दिल्ली से आगे की तरफ़ तेज़ी से बढ़ पाएगा.’

इससे पहले शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ‘दिल्ली में तो इन दिनों बारिश हुई नहीं. अभी पूरा पानी हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से आ रहा है. यह हमारा लोकल पानी तो है नहीं. इतना पानी हैंडल करने की दिल्ली की कैपेसिटी आज तक नहीं थी. 1978 के बाद पहली बार इतना पानी आया है. यह राजनीति का समय नहीं है, एक दूसरे पर दोष मढ़ने की बजाय सबको मिलकर काम करना चाहिए. मौसम विभाग की तरफ़ से जो सूचना आई है, दिल्ली में कल से फिर बारिश का अंदेशा है. बारिश अगर नहीं आती है, तो एक-दो दिन में सब नॉर्मल हो जाएगा, लेकिन बारिश और आएगी तो फिर देखना पड़ेगा.’

गौतम गंभीर का AAP पर निशाना

पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज दिल्ली में बाढ़ आ गई है. यह स्थिति मेरे लिए आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि वर्तमान सरकार ने शहर में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर कोई पैसा खर्च नहीं किया है. सीएम ने दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने का वादा किया था