करोड़ों की ठगी मामले में EOW की बड़ी कार्रवाई.. पूर्व CM भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव अरेस्ट

छत्तीसगढ़ पुलिस और ईओडब्ल्यू ने भोपाल में बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव को भोपाल के एक होटल से पकड़ा है। श्रीवास्तव अफसरशाही से जुड़े करोड़ों के ठगी मामले में फरार था। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी। हर बार चकमा देकर फरार होने वाला आरोपी पकड़ा गया। भोपाल के निजी होटल में केके श्रीवास्तव अपने परिवार के साथ छुपा हुआ था। जिसे ईओडब्ल्यू और रायपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने हिरासत में लिया। उस पर आरोप है कि भूपेश बघेल की सरकार में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 500 करोड़ का ठेका दिलवाने के नाम पर दिल्ली की एक रावत एसोसिएट्स कंपनी से 15 करोड़ की ठगी की थी। जब पीड़ित को धोखे का पता चला तो उन्होंने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी। केके श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ रायपुर के तेलीबंध थाने में शिकायत दर्ज हुई। जैसे ही एफआईआर दर्ज हुई दोनों फरार हो गए। जिला कोर्ट और हाईकोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत पहले ही खारिज हो चुकी थी।

दिल्ली की रावत एसोसिएट्स कंपनी हाईवे कंस्ट्रक्शन के साथ सरकारी ठेके निर्माण से जुड़े काम करती है। ऐसे में केके श्रीवास्तव की कंपनी के डायरेक्टर अशोक रावत की मुलाकात साल 2023 में हुई थी। आरोपी ने खुद को भूपेश बघेल का करीबी बताया और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने का वादा। पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने उनसे 7 अलग अलग खातों में 15 करोड़ ट्रांसफर कराए। जब ठेका नहीं मिला तो पैसा लौटाने का वादा किया। जब तय समय तक पैसा नहीं मिला तो अशोक रावत ने थाने में शिकायत की चेतावनी दी। इस पर श्रीवास्तव ने बेटे के खाते से 3.40 करोड़ का भुगतान किया। साथ में 3-3 करोड़ के 3 चेक दिए। ये चेक बैंक में बाउंस हो गए। इसके बाद अशोक रावत ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की। शिकायत होने के बाद से ही श्रीवास्तव फरार हो गया। वह पिछले 10 महीने से पुलिस और जांच एजेंसियों को चकमा देता रहा। वह अपना फोन और लोकेशन बार बार बदल देता और देश के अलग अलग हिस्सों में रहकर छिपा था। लेकिन एजेंसियां भी तलाश में लगी रही। तभी ईओडब्ल्यू को भोपाल में छुपे होने की जानकारी मिली। ईओडब्ल्यू ने गोपनीय टीम को भोपाल भेजा और श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर देर रात रायपुर लेकर आई।

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