चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराने में भारत कामयाब रहा है. इस सफलता के बाद दुनियाभर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की तारीफ हो रही है. इस मिशन की सफलता के साथ ही भारत चांद के दक्षिण ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया है.
चंद्रयान-3 मिशन की इस सफलता के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने ISRO चीफ को चिट्ठी लिखकर बधाई दी है. सोनिया ने चिट्ठी में लिखा है,’आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि कल शाम ISRO की शानदार उपलब्धि ने मुझे रोमांचित कर दिया था. यह सभी भारतीयों, खासतौर पर युवा पीढ़ी के लिए बहुत गर्व और उत्साह का विषय है.’
दशकों में विकसित हुई क्षमता
सोनिया ने चिट्ठी में लिखा,’ISRO की बेहतरीन क्षमताएं दशकों में विकसित हुई हैं. उल्लेखनीय नेताओं का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा है. सामूहिक प्रयास की भावना ने इसे हमेशा प्रेरित किया है. साठ के दशक की शुरुआत से ही ISRO आत्मनिर्भरता पर आधारित रहा है, जिसने इसकी सफलताओं में बड़ा योगदान दिया है. मैं ISRO समुदाय को शुभकामनाएं देती हूं. इस महत्वपूर्ण अवसर पर टीम के प्रत्येक सदस्य को हार्दिक बधाई.’
लैंडिंग में 17 मिनट थे अहम
बता दें कि चंद्रयान-3 ने चांद पर पहुंचने के लिए 40 दिनों तक सफर किया. लेकिन चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान आखिरी 17 मिनट सबसे अहम थे. इन्हीं 17 मिनट में चंद्रयान-2 की उम्मीदें टूटी थीं. लेकिन इस बार ISRO ने पूरी तैयारी के साथ टेरर ऑफ 17 मिनट के खेल में जीत हासिल कर ली.
गलती की कोई गुंजाइश नहीं
दरअसल, इन 17 मिनट में लैंडर खुद काम करता है. इस दौरान इसरो से कोई भी कमांड नहीं दी जाती. लैंडर को सही समय, सही ऊंचाई और सही मात्रा में ईंधन का इस्तेमाल करते हुए लैंडिंग करनी होती है. गलती की कोई भी गुंजाइश नहीं होती. उन 17 मिनट में 4 फेज होते हैं, जो बताते हैं कि वह कैसे उतरेगा.