पर्सनैलिटी वो सबकुछ है जो आपको आप बनाती है. आप कैसे सोचते हैं, कैसे महसूस करते हैं, कोई भी काम किस तरह से करते हैं, ये सब आपकी पर्सनैलिटी का हिस्सा होते हैं. सामाजिक परिवेश, शिक्षा, परिवार, दोस्त, हालात ये सब आपके व्यक्तित्व में कहीं न कहीं शामिल होते हैं और कदम कदम पर झलकते हैं. या यूं कहें कि आपका व्यक्तित्व सिर्फ किसी एक विचार या अवधारणा से नहीं बनता. आसपास की हरेक वस्तु-परिस्थिति का निचोड़ ही आपका व्यक्तित्व होता है.
वहीं पर्सनैलिटी डिसऑर्डर आपके भीतर आए मानसिक विकार को आपके व्यक्तित्व को सामान्य से अलग बना देता है. कोई विकार होने पर आपके सोचने, कार्य करने और व्यवहार करने का पैटर्न अनहेल्दी होता है. पर्सनैलिटी डिसऑर्डर जिसे हिंदी में व्यक्तित्व विकार भी कहते हैं. इससे ग्रसित व्यक्ति को परिस्थितियों और लोगों को समझने और उनसे रिलेट करने में परेशानी होती है. इसके कारण रिश्तों में, सोशल एक्टिविटीज, काम और स्कूल आदि सभी जगह प्रॉब्लम होती है, कई बार इनमें एक लिमिटेशन तय हो जाती है.
कई मामलों में लोगों को अहसास तक नहीं होता कि उन्हें किसी तरह का डिसऑर्डर है, क्योंकि उन्हें अपनी सोच और व्यवहार करने का तरीका बहुत नेचुरल लगता है. जब उन्हें सोशल बिहैवियर में कोई दिक्कत आती है तो इसके लिए वो सामने वाले को दोषी ठहरा देते हैं. एम्स के मनोचिकित्सक डॉ. अनिल शेखावत कहते हैं कि पर्सनैलिटी डिसऑर्डर टीनेज या युवावस्था के शुरुआती दिनों में आते हैं. पर्सनैलिटी डिसऑर्डर कई तरह के होते हैं, इनमें से जो कॉमन हैं उनके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए ताकि आप इस पर प्रोफेशनल डॉक्टर से सलाह लेकर अपने व्यक्तित्व को दुरुस्त कर सकें. ये आपके लिए फायदेमंद ही होगा.
पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के 3 क्लस्टर
समान विशेषताओं और लक्षणों के आधार पर पर्सनैलिटी डिसऑर्डर को तीन क्लस्टर में बांटा गया है. एक व्यक्तित्व विकार वाले कई लोगों में कम से कम एक या एक अतिरिक्त व्यक्तित्व विकार के भी लक्षण होते हैं. पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के निदान के लिए सभी लिस्टेड लक्षण हों, ऐसा जरूरी नहीं है. इसमें से पांच या ज्यादा लक्षण मिलने पर भी इसे पर्सनैलिटी डिसऑर्डर माना जाता है. आइए जानते हैं इन क्लस्टर के बारे में.
क्लस्टर A पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
अजीब, सनकी सोच या बिहैवियर के लक्षण क्लस्टर ए में अध्ययन किए गए हैं. इस क्लस्टर में पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर, स्किज़ोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर और स्किजोटाइप पर्सनालिटी डिसऑर्डर आदि आते हैं.
पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर के कुछ लक्षण
-दूसरों से अविश्वास और संदेह, उन पर हमेशा शक करना
-ऐसा मानना कि दूसरे आपको नुकसान पहुंचाने या धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं
-दूसरों की वफादारी या विश्वसनीयता पर अनुचित संदेह
-अकारण और अनुचित भय से दूसरों पर विश्वास करने में झिझकना कि दूसरे आपके खिलाफ जानकारी का उपयोग करेंगे
छोटी से छोटी बात को व्यक्तिगत अपमान के रूप में लेने की धारणा
-कथित अपमान या अपमान पर गुस्सा या शत्रुतापूर्ण प्रतिक्रिया देना
-दूसरों से अकारण द्वेष रखने की प्रवृत्ति
-ऐसे लोग बिना वजह ये तक सोच लेते हैं कि जीवनसाथी या यौन साथी बेवफा है
स्किजोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर
-सोशल या पर्सनल रिलेशनशिप में कमतर रुचि, अकेले रहने पर जोर
-इमोशनल एक्सप्रेशन की लिमिटेड रेंज
-ज्यादातर एक्टिविटीज में खुशी न मिलना
-बहुत ज्यादा कूल या लोगों से अलग नजर आना
-किसी दूसरे व्यक्ति से सेक्स को लेकर बहुत कम या बिल्कुल इंट्रेस्ट न होना
स्किजोटाइपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
-ड्रेस, थिंकिंग, बिलीफ, स्पीच या बिहैवियर में अजीबोगरीब नजर आना
-अजीबोगरीब अनुभवों से गुजरना, जैसे कोई आवाज सुनना जो आपका नाम फुसफुसा रही है
-फ्लैट इमोशंस या एकदम अनुचित भावनात्मक प्रतिक्रियाएं
-सामाजिक चिंता और घनिष्ठ संबंधों की कमी या निभाने में परेशानी
-दूसरों के प्रति उदासीन, अनुचित या संदिग्ध प्रतिक्रिया देना
-यह विश्वास करना कि आप जादुई सोच के मालिक है, अपने विचारों से लोगों और घटनाओं को प्रभावित कर सकते हैं
-यह विश्वास कि कुछ आकस्मिक घटनाओं या घटनाओं में छिपे संदेश हैं जो केवल आपके लिए हैं
क्लस्टर बी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
क्लस्टर बी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में नाटकीय, अत्यधिक भावनात्मक या अप्रत्याशित सोच या व्यवहार का अध्ययन होता है. इस क्लस्टर में एंटी सोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, बॉर्डर लाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, हिस्ट्रियोनिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर और नार्सिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर शामिल हैं.
एंटी सोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
-दूसरों की जरूरतों या भावनाओं की अवहेलना
-लगातार झूठ बोलना, चोरी करना, उपनामों का उपयोग करना, दूसरों को धोखा देना
-कानून के साथ आवर्ती समस्याएं
-दूसरों के अधिकारों का बार-बार उल्लंघन
-आक्रामक या अक्सर हिंसक व्यवहार
-अपनी या दूसरों की सुरक्षा की अवहेलना
-आवेगी व्यवहार
-लगातार गैर जिम्मेदार बने रहना
-अपने खराब व्यवहार के लिए पछतावे की कमी
बॉर्डर लाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
-इम्पल्सिव और रिस्की बिहैवियर, जैसे असुरक्षित यौन संबंध बनाना
-रहन-सहन, सोच, बातचीत स्वभाव का चिड़चिड़ा होना
-इनके प्रगाढ़ लेकिन अस्थिर संबंध बनते हैं
-मूड स्विंग बहुत ज्यादा होता है
-आत्मघाती सोच या खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी देना
-अकेले हो जाने या परित्यक्त होने का तीव्र भय
-खुद को भीतर से रिक्त महसूस करना
-क्रोध का बार-बार, तीव्र प्रदर्शन
-हमेशा नकारात्मक बातें सोचना
-अपने करीबी लोगों से मिलने में असहज महसूस करना
-दूसरों के बहकावे में जल्दी आना
हिस्ट्रीयोनिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
-लगातार अटेंशन सीकिंग बिहैव करना
-अटेंशन पाने के लिए कभी नाटकीय तो कभी यौन उत्तेजक बात करना
-आसानी से दूसरों से प्रभावित होना
-उथली और तेजी से बदलती भावनाएं
-अपनी शारीरिक बनावट के साथ अत्यधिक चिंता
-दूसरों के साथ वास्तविक सामान्य संबंधों को अधिक प्रगाढ़ मानने का भ्रम
नार्सिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
-ऐसा विश्वास करना कि मैं सबसे स्पेशल हूं, दूसरों की तुलना में मैं ही सबसे महत्वपूर्ण हूं
-अपनी शक्ति, सफलता और आकर्षण के बारे में वास्तविकता से अधिक कल्पनाएं
-दूसरों की जरूरतों और भावनाओं को पहचानने में विफल रहना
-अपनी उपलब्धियों या प्रतिभाओं की अतिशयोक्ति
-अपनी तारीफ सुनने की प्रबल इच्छा
-एक अजीब अभिमान से भरा व्यक्तित्व
-दूसरों से फायदे की बेवजह उम्मीदें और मौका मिलते ही दूसरों का फायदा उठाना
-दूसरों से ईर्ष्या रखना या यह विश्वास करना कि दूसरे आपसे ईर्ष्या करते हैं
-किसी के साथ इमोशनल अटैचमेंट न हो पाना
-रिश्ते प्रगाढ़ लेकिन बहुत कम समय के लिए बनना
क्लस्टर C पर्सनैलिटी डिसआर्डर
क्लस्टर सी व्यक्तित्व विकार चिंतित, फियर फील करने वालों का अध्ययन करता है. इसमें एवोडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, डिपेंडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर और ऑब्सेसिव कंपल्सिव पर्सनैलिटी डिसऑर्डर शामिल हैं.
अलगाव पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Avoidant Personality Disorder)
-खुद में कमी, हीनता या आकर्षक न दिखने की भावनाओं का अनुभव करना
-दूसरों की आलोचना पर ध्यान केंद्रित करना और नई गतिविधियों में भाग लेने या नए दोस्त बनाने से बचना
-आलोचना या अस्वीकृति के प्रति बहुत संवेदनशील
-उन कार्य गतिविधियों से बचना जिनके लिए पारस्परिक संपर्क की आवश्यकता होती है
-सामाजिक रूप से बाधित, डरपोक और अलग-थलग, नई गतिविधियों या अजनबियों से मिलने से बचना
-सामाजिक स्थितियों और व्यक्तिगत संबंधों में अत्यधिक शर्मीलापन
-अस्वीकृति, शर्मिंदगी या उपहास का डर
डिपेंडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
-अपनी भावनात्मक और शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य लोगों पर बहुत अधिक निर्भरता
-दूसरों के प्रति जरूरत से ज्यादा विनम्र या क्लिंजी बिहैवियर
-अकेले रहने पर खुद की देखभाल करने या खुद की देखभाल करने से डरना
-आत्मविश्वास की कमी, छोटे-छोटे निर्णय लेने के लिए दूसरों से अत्यधिक सलाह और आश्वासन की जरूरत
-आत्मविश्वास की कमी के कारण स्वयं प्रोजेक्ट शुरू करने में कठिनाई
-दूसरों से असहमत होने में कठिनाई या अस्वीकृति का डर
-अन्य विकल्प उपलब्ध होने पर भी खराब या अपमानजनक व्यवहार को सहन करना
-जब कोई करीबी रिश्ता टूट जाए तो एक नया रिश्ता शुरू करने की तत्काल जरूरत महसूस करना
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर
डिटेल्स, रूल्स और सिस्टम को बाध्यता के साथ मानना
-एक्स्ट्रीम परफेक्शन फॉलो करना जिसके परिणामस्वरूप परफेक्शन न होने पर परेशान हो जाना
-किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने में असमर्थता महसूस करना क्योंकि ये लोग अपने बनाए सख्त मानकों को पूरा नहीं कर पाते हैं
-लोगों, कार्यों और स्थितियों के नियंत्रण में रहने की इच्छा और कार्यों को सौंपने में असमर्थता
-काम या किसी प्रोजेक्ट के प्रति अत्यधिक प्रतिबद्धता के कारण दोस्तों और मनोरंजक गतिविधियों की उपेक्षा
-अपनी ही टूटी या बेकार वस्तुओं को त्यागने में असमर्थता
-इंपल्सिव और जिद्दी
-नैतिक मूल्यों आदि के बारे में लचीलापन न होना
-बजट बनाने और पैसा खर्च करने पर सख्त या बुरी तरह से नियंत्रण
डॉक्टर से कब लें सलाह
डॉ. अनिल शेखावत कहते हैं कि यदि आपमें पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के एक या एक से ज्यादा सिंप्टम्स हैं तो किसी मनोचिकित्सक की सलाह जरूर लें. इसके लिए आप मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह ले सकते हैं. कई पर्सनैलिटी डिसऑर्डर काउंसिलिंग या थेरेपी के जरिये ठीक हो सकते हैं. कई बार डिसऑर्डर होने पर व्यक्ति तनाव या डिप्रेशन की अवस्था में जा सकता है.