रायपुर : तेलीबांधा तालाब में बड़ी संख्या में तलबिया मछलियों की मौत हो गई है। सुबह मार्निंग वाक पर गए लोगों के बीच यह कौतूहल का विषय रहा। पानी में बदबू ना आए इसलिए ब्लीचिंग पाउडर डाला गया था और रोज कई क्विंटल मछलियां की सफाई तालाब से की जा रही है। रविवार को बदबू से हाल बेहाल था। तालाब के पानी में आक्सीजन की कमी की जानकारी मिलने पर निगम प्रशासन तालाब के किनारे चुना, ब्लीचिंग पावडर की बोरियां रखवाकर पानी में ऑक्सीजन की मात्रा शीघ्र बढ़ाने 10 दिनों से ट्रीटमेंट करा रहा है। इनके पानी में घुलने से तेलीबाँधा तालाब के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा शीघ्र बढ़ सके एवं यह तालाब में मछलियों के जीवन की सुरक्षा की दृष्टि से उपयोगी सिद्ध हो सके। मरीन ड्राइव बने तालाब के पास सुबह और शाम से आधी रात तक लोगों की भीड़ रहती है। और इस दौरान स्ट्रीट फूड का भी बड़ा कारोबार चलता है । खाने के शौकीन प्लास्टिक के प्लेट,कप, पेपर ग्लास, कोल्ड ड्रिंक की बोतलें और अन्य गंदगी तालाब में फेंक जाते है। इससे पानी प्रदूषित होकर मछलियों की जान ले रहा है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि वाटर ट्रीटमेंट के दौरान डाले जा रहे चूना और ब्लीचिंग पाउडर की मात्रा अधिक होने या इनके एक्सपायरी होना भी एक कारण हो सकता है । इस बीच डॉक्टरों ने सलाह दी है कि इलाके में स्थित रेस्टोरेंट और ठेलों में बिकने वाले मछली से बने व्यंजन न खाएं। क्योंकि यह शंका प्रबल है कि ये मछलियां खरीदी गई होंगी, और इस्तेमाल भी हुई होंगी।
