दिल्ली में बाढ़ का संकट.. यमुना बाजार के निचले इलाकों में घुसा पानी, छतों पर रहने के लिए लोग मजबूर

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सोमवार को जैसे ही पानी का स्तर 205.48 मीटर के पार पहुंचा, यमुना बाजार समेत कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया. यमुना बाजार की गलियों और घरों में सुबह से ही पानी भरना शुरू हो गया था. स्थानीय निवासी अपने कपड़े, बर्तन, खाने-पीने का सामान, गहने और जरूरी दस्तावेजों को समेटकर छतों पर पहुंचाने लगे हैं. जिन परिवारों के पास ऊपरी मंजिल नहीं है, वो छतों पर अस्थायी शरण लेने को मजबूर हैं. लोगों ने बताया कि यदि बारिश और तेज हुई तो हालात और भी खतरनाक हो सकते हैं. उनका कहना है कि छतों पर न तो कोई शरण है और न ही पर्याप्त इंतजाम. नीचे पानी भरा है और ऊपर खुले आसमान के नीचे रहना मजबूरी है. कई परिवारों में छोटे बच्चे और बुजुर्ग हैं, जिन्हें संभालना सबसे मुश्किल साबित हो रहा है. लोगों ने प्रशासन से तुरंत मदद की मांग की है. उनका कहना है कि सुबह से ही बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है, लेकिन अब तक कोई पुख्ता राहत व्यवस्था नहीं की गई है. लोग खाने-पीने और सुरक्षित ठिकाने की तलाश में भटक रहे हैं.
यमुना बाजार इलाका नदी किनारे होने के कारण हर साल बाढ़ की चपेट में आता है, लेकिन इस बार हालात ज्यादा बिगड़े हुए हैं. इलाके के सबसे ज्यादा प्रभावित घर वही हैं, जो बिल्कुल नदी के किनारे और निचली सतह पर बने हुए हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक, जलभराव से गंदगी और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश का दौर जारी रहा तो यमुना का जलस्तर और ऊपर जा सकता है, जिससे राजधानी दिल्ली में यातायात और अन्य सेवाएं भी प्रभावित होंगी. इस वक्त यमुना बाजार का नजारा किसी डूबे हुए कस्बे जैसा है जहाँ लोग अपने घरों से निकलने की बजाय छतों पर फंसे हुए हैं और राहत और बचाव टीम का इंतजार कर रहे हैं.