छत्तीसगढ़ के बस्तर में जवान मुठभेड़ में तो नक्सलियों का डट कर सामना करते हैं, लेकिन जमीन में प्लांट की गई IED मुश्किलें बढ़ा देती हैं। ज्यादातर जवान IED की चपेट में आने से जख्मी होते हैं। अब जवानों की यह मुश्किलें भी आसान होगी। नारायणपुर जिले में पहली बार अत्याधुनिक उपकरणों से लैस BDS (बम निरोधक दस्ता) की टीम तैयार की गई है। जवानों को बम डिफ्यूज सूट भी दिया गया है।
नारायणपुर पुलिस लाइन में BDS टीम के जवानों ने इस नए उपकरण के साथ डेमो दिया। इसमें IED सर्च, रिकवरी एवं डिफ्यूज की कार्रवाई की गई। स्निफर डॉग के माध्यम से भी IED रिकवर करवाई गई। जवानों ने सूट पहनकर IED डिफ्यूज किया। डेमोस्ट्रेशन के पहले पुलिस अधीक्षक ने जवानों से BDS उपकरणों के नाम और उपयोग की संक्षिप्त जानकारी और एक्सपर्ट टिप्स भी दिए। बताया जा रहा है कि नारायणपुर बस्तर का पहला ऐसा जिला है जहां की BDS टीम को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाले उपकरण दिए गए हैं।
नारायणपुर पुलिस के अनुसार जिले में BDS टीम में 35 से ज्यादा जवान हैं। नक्सल ऑपरेशन पर निकलने वाली अलग-अलग टीम के साथ चलते हैं। कुछ BDS के जवानों को इमरजेंसी के लिए भी रखा गया है। BDS टीम के इन 35 जवानों की टीम पूरे नारायणपुर जिले में IED ढूंढना और उसे डिफ्यूज करने का काम करती हैं। जब जवान सर्च ऑपरेशन पर निकलते हैं तो आगे स्निफर डॉग के साथ बम निरोधक दस्ता चलता है, फिर पीछे सारे जवान होते हैं।
नारायणपुर पुलिस के मुताबिक, जवानों को जो उपकरण दिए गए हैं उनमें कुछ ऐसे डिवाइस भी हैं जिनसे जमीन, दीवार, पेड़ समेत अन्य कहीं भी यदि बम छिपा कर रखा गया हो तो बड़ी आसानी से ढूंढा जा सकता है। फिलहाल पुलिस ने सुरक्षा को देखते BDS टीम को दिए गए नए उपकरणों के नामों को गोपनीय रखा गया है, उसे सार्वजनिक नहीं किया है। नारायणपुर पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने कहा कि, इस नई टेक्नोलॉजी से ऑपरेशन में आसानी होगी।