विदेशी महिलाओं ने किया श्राद्ध, दादा-दादी और नाना-नानी के लिए मांगा मोक्ष

राष्ट्रीय

जैसलमेर आ रहे विदेशी सैलानियों में से एक बड़ी संख्या भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर इसमें रमने लगी है. इसी कड़ी में फ्रांस से आईं 17 महिला सैलानियों के दल ने बुधवार को जैसलमेर में अष्टांग योग केंद्र में योग किया. इसके बाद गुरूवार को शहर के प्रसिद्ध गड़ीसर झील पर दिवंगत परिजनों की आत्मा की शांति के लिए मंत्रोच्चार के साथ श्राद्ध के बाद तर्पण भी किया.

दरअसल, पिछले 7-8 दिनों से जैसलमेर में फ्रांस से आया 15 महिला सैलानियों का एक दल विभिन्न पर्यटन स्थलों पर देखा जा रहा है. ग्रुप लीडर सनड्रीन के नेतृत्व वाला महिलाओं का ये दल हिंदू संस्कृति से बेहद प्रभावित है. जब इन्हें अष्टांग योग केंद्र में प्रतिदिन होने वाले योग के बारे में पता चला तो सभी वहां पहुंचीं.

महिलाओं ने बताया कि वो पिछले तीन साल से योग से काफी प्रभावित हैं. फ्रांस में भी वो योग क्लासेस में जाकर योग करती हैं. इससे उनकी जिंदगी काफी बेहतर हुई है. इसी बीच जैसलमेर में श्राद्ध पक्ष के बारे में जानकारी मिली तो गुरुवार को स्थानीय ऐजेंट के जरिए एक पंडित से बातचीत की.

इसके बाद अपने दादा-दादी और नाना-नानी का श्राद्ध करने की इच्छा जाहिर की. सब कुछ तय होने पर गड़ीसर झील पर जाकर सनातन रीति-रिवाज से पूजा-पाठ कर अपने पुरखों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना की. श्राद्ध पक्ष का महत्व जानने के बाद लेक में तर्पण किया.

ग्रुप लीडर सनड्रीन ने सभी सैलानियों को समझाया. उन्होंने बताया कि सभी महिलाएं श्राद्ध करके ने बाद बेहद भावुक थीं. पितरों का तर्पण कर सभी का मन शांत हो गया. वहीं, पंडित आनंद रामदेव ने बताया कि जब विदेशी महिलाओं द्वारा पूर्वजों के लिए तर्पण क्रिया और श्राद्ध करवाने की बात कही गई तो अपनी संस्कृति पर बड़ा गर्व हुआ. महिलाओं के लिए श्राद्ध की सभी सामग्री इकट्ठी की गई. सनातन धर्म के अनुसार मंत्र आदि के साथ तर्पण करवाया गया.