गौतम अडानी के ‘अरेस्‍ट वारंट’ पर विदेश मंत्रालय का बयान…. अमेरिका से नहीं मिला कोई अनुरोध

राष्ट्रीय

भारत सरकार ने आज कहा कि रिश्वतखोरी के आरोपों में उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ जारी अरेस्‍ट वारंट के बारे में उसे अमेरिकी अधिकारियों से कोई अनुरोध नहीं मिला है. भारत सरकार की यह टिप्पणी अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा गौतम अडानी के खिलाफ अभियोग की रिपोर्ट के बीच आई है विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में अडानी से जुड़ी संस्थाओं से जुड़ी कानूनी कार्यवाही में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. एमईए स्‍पोकपर्सन ने एक प्रेस ब्रिफिंग के दौरान कहा कि “यह एक कानूनी मामला है जिसमें निजी फर्में और व्यक्ति और अमेरिकी न्याय विभाग शामिल हैं.” उन्‍होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों में “स्थापित प्रक्रियाओं और कानूनी रास्तों” का पालन किया जाएगा.

भारत में किसी भी कानूनी कार्रवाई के लिए अमेरिकी अधिकारियों को भारत में होम मिनिस्‍ट्री को जानकारी देना आवश्‍यक है. चाहे वह अरेस्‍ट वारंट ही क्‍यों ना हो? जानकारी मिलने के बाद गृह मंत्रालय तब संबंधित संघीय एजेंसियों को अनुरोध पर कार्रवाई करने का निर्देश दे सकता है. अमेरिका में गौतम अडानी के खिलाफ अभियोग में भारत में सोलर एनर्जी कॉन्‍ट्रैक्‍ट हासिल करने के लिए रिश्वत लेने और धोखाधड़ीपूर्ण वित्तीय खुलासे के माध्यम से अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने के आरोप शामिल हैं

अगर अमेरिकी अधिकारी अडानी को आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका लाना चाहते हैं, तो उनसे भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि का सहारा लेने की उम्मीद की जाती है. संधि के तहत अमेरिका को कथित कार्रवाइयों को अमेरिकी कानून के उल्लंघन से जोड़ने वाले सबूत देने होंगे और उनके अधिकार क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को प्रदर्शित करना होगा.