पूर्व सेना प्रमुख ने किया खुलासा.. कैसे सोनिया ने सियाचिन ग्लेशियर पाकिस्तान को देने की योजना बनाई… अफवाह है ?

पूर्व सेना प्रमुख जनरल जेजे. सिंह ने सियाचिन ग्लेशियर को पाकिस्तान को सौंपे जाने के मामले में सनसनीखेज खुलासा कर कांग्रेस की यूपीए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। अपने बयान में जनरल सिंह ने सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और भारतीय सेना को विश्वास में लिए बिना सियाचिन ग्लेशियर को पाकिस्तान को सौंपने की बात कही। जनरल सिंह के मुताबिक, साल 2006 में तत्कालीन केंद्र सरकार भारतीय सेना और भारतीय खुफिया एजेंसियों को विश्वास में लिए बिना इस मामले में पाकिस्तान से बात कर रही थी। पूर्व सेना प्रमुख का यह खुलासा इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि पूर्व विदेश सचिव ने भी माना है कि साल 2006 में दोनों देश आपसी सहमति से सियाचिन से सेना हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे थे। जनरल जेजे सिंह ने कहा, “तत्कालीन सरकार पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि सियाचिन की दुर्गम चोटियों पर अपनी जान गंवाने के बाद भी सेना ने सरकार से कभी पीछे हटने को नहीं कहा। ऐसे में इस प्रस्ताव पर सरकार का कदम सभी के लिए हैरान करने वाला था। सियाचिन में भारत से ज़्यादा दिक्कतें पाकिस्तान को झेलनी पड़ रही हैं क्योंकि भारतीय सैनिकों की तैयारी पड़ोसी देशों के मुक़ाबले ज़्यादा ऊँचाई पर युद्ध और इलाक़ों में है।”
जनरल सिंह ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने से पहले विचार किया और उनसे बात तक नहीं की। इस दौरान पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस ने सियाचिन की बर्फीली ढलानों की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों की शहादत का अपमान करने की कोशिश की है। जनरल जेजे सिंह ने कहा, “देश की सीमा के एक-एक इंच की सुरक्षा में सैनिक अपनी जान गंवाते हैं। लेकिन यह अफ़सोस की बात है कि कांग्रेस सरकार यह भूल गई है और सियाचिन के रूप में भारत की ज़मीन का यह टुकड़ा पाकिस्तान को तोहफ़े में देने को तैयार है।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार को ऐसा लग रहा है कि यहाँ से सेना हटाकर दोनों देशों के बीच शांति और सौहार्द बहाल हो जाएगा, तो इससे बड़ी मूर्खता और कुछ नहीं हो सकती।