बच्चे को जन्म देकर गोद देने को राजी हुई लड़की, 29 सप्ताह की प्रेग्नेंसी मामले में SC में सुनवाई

राष्ट्रीय

बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में आई एक लड़की के 29 हफ्ते के गर्भ को गिराने की याचिका पर आज फिर सुनवाई हुई. यहां एएसजी एश्वर्या भाटी ने अदालत से कहा कि लड़की बच्चे को जन्म देकर किसी को देने के लिए राजी हो गई है. वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जहां तक एडॉप्शन का मामला है CARA के पास लंबी सूची है लेकिन मैं एक ऐसी दंपति को जानता हूं तो बच्चे को गोद लेने और उसका ख्याल रखने को तैयार हैं.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में तीन जजों की बेंच ये सुनवाई कर रही है और बच्चे को गोद लेने की इच्छा रखने वाले माता पिता के इतिहास पर नजर डाल रही है. भाटी ने कहा कि मैं लड़की से लगातार बातचीत कर रही थी और वह बच्चे को जन्म देने को राजी हो गई है. ऐसे में एम्स अस्पताल को उसके स्वास्थ्य की देखरेख करने दी जाए. भाटी ने कहा कि लड़की की प्रेग्नेंसी अब दिखने लगी है और वह पूरी तरह टूट गई है. जरूरत पड़ी के मैं उसे कुछ समय अपने घर पर रखूंगी. अभी वह अपने कजिन के साथ रह रही है.

याचिकाकर्ता की वकील और एएसजी ऐश्वर्या भाटी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की राय से क्या आदेश पारित करने की आवश्यकता है. इसपर बेंच चर्चा कर रही है.

बता दें कि मामले में इससे पहले 23 जनवरी को कोर्ट ने डॉक्टर्स की रिपोर्ट के बाद कहा था कि ये मामला दूसरे केसों से बिल्कुल अलग है. डॉक्टर्स का कहना है कि अबॉर्शन के लिए अब समय काफी हो गया है. जच्चा और बच्चा की सेहत को ध्यान में रखते हुए अबॉर्शन ठीक विकल्प नहीं है. ऐसे में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने ASG ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वो पीड़ित लड़की से बात करें और उसकी काउंसलिंग करें. एम्स के विशेषज्ञों की टीम भी पीड़िता को सलाह दे सकती है. कोर्ट अब 2 फरवरी को सुनवाई करेगा.

तब बेंच ने मेहता और अन्य वकीलों को एम्स की रिपोर्ट सौंपी थी. तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अबॉर्शन कराए जाने से ये हत्या होगी. एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अगर C सेक्शन किया भी जाता है तो भी बच्चा जिंदा पैदा होगा. C सेक्शन में बच्चे के जिंदा होने की 80 फीसदी संभावना है.