इलाज के दौरान लड़की की मौत, भड़के परिजन

क्षेत्रीय

अंबिकापुर के निजी अस्पताल में गुरुवार को एक 17 साल की लड़की की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन ने जमकर हंगामा किया। गुस्साए परिजन ने एकता अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया और मारपीट भी करने लगे। हॉस्पिटल में ही हंगामे की जानकारी मिलने पर कोतवाली पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराया।

जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर निवासी वैष्णवी कश्यप की तबीयत कुछ दिनों पहले खराब हुई थी। तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे इलाज के लिए अंबिकापुर स्थित एकता अस्पताल में बुधवार की दोपहर लाया गया था। यहां जांच में किशोरी के शरीर में 4.7 ग्राम हीमोग्लोबिन पाया गया। इस पर चिकित्सकों ने किशोरी को भर्ती करने की सलाह दी। डॉक्टरों के कहने पर परिजन उसे अस्पताल में भर्ती भी कराया था।

17 साल की वैष्णवी का इलाज डॉ. ज्योति कुजूर और डॉ. अमित यादव की निगरानी में चल रहा था। जिन्होंने लड़की को ब्लड चढ़ाने की बात कही। इसके बाद परिजन बाहर के ब्लड बैंक से एबी पॉजीटिव ब्लड लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां पहले तो युवती को तेज बुखार होने के कारण शाम को ब्लड नहीं चढ़ा लेकिन बुखार कम होने पर उसे ब्लड चढ़ाया गया। गुरुवार की सुबह नाश्ता करते ही वैष्णवी के पेट दर्द होने लगा। जिसकी जानकारी के बाद उसे कुछ दवाई दी गई जिसे लेते ही उसे उल्टी हुई और तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। जिसके बाद लड़की को आईसीयू में शिफ्ट किया लेकिन सुबह 10.15 बजे उसकी मौत हो गई।

लापरवाही का आरोप लगाकर मारपीट

लड़की की मौत के बाद वहां लड़की के 20 से ज्यादा रिश्तेदार वहां जुट गई। आक्रोशित परिजन अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सकों और स्टाफ के साथ मारपीट करने पर भी उतारू हो गए। जिन्हें पुलिस ने समझाइश देकर शांत कराया।

अस्पताल ने इलाज में लापरवाही से इनकार किया

एकता अस्पताल का प्रबंधन इलाज मे लापरवाही से इनकार कर रहा है। उनका कहना है कि कहीं भी कोई लापरवाही नहीं की गई है। लड़की पहले से काफी कमजोर थी। एकता अस्पताल के डॉ. ज्योति कुजूर ने बताया कि उसका हीमोग्लोबिन मात्र 4.7 ग्राम था। ब्लड चढ़ाया जा रहा था। गुरुवार की सुबह नाश्ता करने के बाद किशोरी को पेट दर्द और उल्टी होने लगी। उल्टी के दौरान कुछ अंश फेफड़े में चले जाने से उसकी मौत हो गई।