कन्याकुमारी में देश के पहले ग्लास ब्रिज का उद्घाटन, विवेकानंद मेमोरियल से तिरुवल्लुवर प्रतिमा तक पुल

राष्ट्रीय

देश के पहला ग्लास ब्रिज तमिलनाडु के कन्याकुमारी के तट पर बनकर तैयार हो गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 77 मीटर लंबे और 10 मीटर चौड़े इस ब्रिज का उद्घाटन सोमवार शाम को किया। ब्रिज के बनने से टूरिस्ट कन्याकुमारी के तट पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल से सीधे 133 फीट ऊंची तिरुवल्लुवर प्रतिमा तक पहुंच सकते हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार के 37 करोड़ रुपए खर्च हुए। कन्याकुमारी के टूरिजम अधिकारी ने बताया कि ग्लास ब्रिज पर नीचे समुद्र है। ब्रिज पर चलने से ऐसा लगता है जैसे हम समुद्र पर चल रहे हों। धनुषाकार आर्च ग्लास ब्रिज को तट पर चलने वाली तेज हवा को झेलने के हिसाब से डिजाइन किया है। उद्घाटन के दौरान CM स्टालिन, डिप्टी CM उदयनिधि स्टालिन, राज्य के मंत्रियों और सांसद कनिमोझी पुल पर पैदल चले। उद्घाटन के बाद तिरुवल्लुवर की प्रतिमा पर लेजर लाइट शो का भी आयोजन किया गया। समंदर पर बना देश का पहला कांच का पुल 77 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा है. यह पुल लोगों को पूरी सुरक्षा के साथ एक अलग ही तस्वीर देखने का मौका देगा. जहां वो ब्रिज से विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को देख सकते हैं. साथ ही वो सूरज उदय और सूर्यास्त का मजा ले सकते हैं. कांच के पुल से नीचे देखने पर उन्हें समंदर दिखाई देगा.

समंदर के ऊपर बनाए गए इस कांच के ब्रिज को बहुत अलग तरह से डिजाइन किया गया है. इसको तैयार करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. ग्लास ब्रिज को तेज समुद्री हवाओं सहित नाजुक और खतरनाक समुद्री परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है. इन सब चीजों के साथ इस पुल पर लोगों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है तमिलनाडु के लोक निर्माण और राजमार्ग मंत्री ई वी वेलु ने इस ब्रिज के निर्माण को लेकर कहा, “पुल का निर्माण करना बहुत चुनौतीपूर्ण है. हमें इसे समुद्र के ऊपर और तेज हवा जैसी कई मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ी. वेलु ने कहा कि कांच का पुल कन्याकुमारी में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.