CG : 10 हजार सरकारी स्कूल होंगे मर्ज.. शिक्षकों का हल्ला-बोल, नवा रायपुर धरनास्थल पर जुटे हजारों टीचर

छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 हजार से अधिक स्कूलों के युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है। इससे 43 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पोस्ट भी खत्म हो सकती है। विरोध में 10 हजार से अधिक शिक्षक मंत्रालय का घेराव करने निकले हैं। शिक्षकों का कहना है कि, ये फैसला शिक्षक गुणवत्ता से खिलवाड़ और सरकारी स्कूलों को कमजोर करने का प्रयास है। 2 शिक्षकों का 18 क्लासेस लेना संभव नहीं है। पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा कि नया सेटअप अन्यायपूर्ण है। यह छत्तीसगढ़ के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। वहीं सरकार इसे स्कूली एजुकेशन के बेहतरी के लिए उठाया गया कदम बता रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों का समान और न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करने के मकसद से स्कूलों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आदेश जारी कर दिया है. इसके मुताबिक प्रदेश के 10 हजार 463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण किया जाएगा. प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय जहां युक्तियुक्तकरण को छात्रों के हित में बता रहे हैं. इसके साथ ही सरकार के इस आदेश का विरोध भी शुरू हो गया है. शिक्षक संघ ने सरकार के फैसले के खिलाफ 28 मई को मंत्रालय घेराव का ऐलान किया है. शिक्षक संघ का आरोप है कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर चार हजार से ज्यादा स्कूल बंद हो जाएंगे और 45 हजार शिक्षकों के पद को भी खत्म कर दिया जाएगा. हालांकि, सरकार इसे छात्रों के हित में बता रही है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ के 54185 स्कूल में से 297 स्कूल शिक्षकविहीन है और 7 हजार 127 स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक हैं. इसी असमानता को दूर करने के लिए सरकार ने युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है. इसके लिए 10 हजार 463 स्कूल शामिल किए गए हैं. युक्तियुक्तकरण के तहत जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक है, उन्हें शिक्षक विहीन या कम शिक्षक वाले स्कूल में भेजा जाएगा और जिन स्कूलों में छात्राओं की संख्या कम है. उन छात्रों को नजदीक के स्कूल में मर्ज किया जाएगा. लेकिन प्रक्रिया शुरू होते ही सरकार के इस फैसले का शिक्षक संघ ने विरोध शुरू कर दिया है.
इस पूरे मामले सरकारी शिक्षक संघ के संयोजक वीरेंद्र दुबे का कहना है कि सरकार के इस कदम से प्रदेश में स्कूलों की संख्या कम होने से शिक्षकों के पदों की संख्या भी कम हो जाएगी. शिक्षक संघ का कहना है स्कूल शिक्षा विभाग ने 2008 के सेटअप को ख़त्म कर दिया है, जिसमें प्राइमरी स्कूल में 60 छात्रों में एक हेड मास्टर और दो शिक्षक होते थे, लेकिन अब एक एचएम और एक शिक्षक होगा और मिडिल स्कूल में 105 छात्र में एक HM चार शिक्षक होते थे. उसमें अब एक शिक्षक को कम कर दिया गया है. प्रदेश में 45 हजार के करीब प्राथमिक और मिडिल स्कूल है. ऐस में नए सेटअप के तहत 45 हजार शिक्षक के पद ख़त्म हो जाएंगे. साथ ही जिन स्कूल में छात्र कम है, उसे दूसरे स्कूल में मर्ज करने से प्रदेश में चार हजार से ज्यादा स्कूल बंद हो जाएंगे.