रणवीर अलाहबादिया कंट्रोवर्सी के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को आचार संहिता का पालन करने का निर्देश दिया है। सरकार की तरफ से जारी एडवाइजरी में उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर कंटेंट पब्लिश करते समय देश के कानून का पालन करने की सलाह दी गई है। मंत्रालय से ये एडवाइजरी पॉडकास्टर रणवीर अलाहबादिया की अभद्र टिप्पणी के कुछ दिन बाद आई है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ समय से ओटीटी प्लेटफार्म और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री के प्रसार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस मुद्दे पर संसद सदस्यों, सामाजिक संगठनों और आम जनता ने सरकार से कार्रवाई की मांग की थी। अश्लील या अश्लील सामग्री का प्रकाशन एक दंडनीय अपराध है। ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर प्रसारित सामग्री को भारतीय कानूनों का पालन करना होगा। नोटिस में कहा गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को सलाह दी जाती है कि कंटेंट पब्लिश करते समय लागू कानूनों के विभिन्न प्रावधानों और आईटी नियम, 2021 के तहत कोड ऑफ एथिक्स का ध्यान रखा जाए। कोड ऑफ एथिक्स के जरिए कंटेंट का उम्र के आधार पर क्लासिफिकेशन किया जाए, ताकि बच्चों को अश्लील कंटेंट से बचाया जा सके। इसके अलावा, ओटीटी प्लेटफार्म के सेल्फ रेगुलेटरी बॉडीज से अनुरोध किया जाता है कि वे प्लेटफार्म द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उचित सक्रिय कार्रवाई करें।
इस बीच, केंद्र सरकार मौजूदा आईटी एक्ट की जगह डिजिटल इंडिया बिल लाने की योजना बना रही है। इस नए कानून का उद्देश्य सोशल मीडिया पर अश्लीलता को रोकना है। यूट्यूबर्स और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को विनियमित करना है। सरकार इस विधेयक पर 15 महीने से काम कर रही है और इसमें टेलीकम्युनिकेशन, आईटी और मीडिया जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशिष्ट नियम शामिल होंगे। सोमवार को रणवीर अलाहबादिया की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि आप कुछ करिए, वरना हम करेंगे। बेंच ने कोर्ट में मौजूद अटॉर्नी सॉलिसिटर जनरल से कहा था- ‘ऐसे यू-ट्यूबर्स के मामले सामने आ रहे हैं, क्या केंद्र सरकार कुछ करना चाहती है। अगर वे खुद ही कुछ करते हैं तो बहुत अच्छी बात है, वरना हम यहां गैप नहीं छोड़ सकते। सो-कॉल्ड यूट्यूब चैनल इसका दुरुपयोग कर रहे हैं और तमाम चीजें सामने आ रही हैं, इसलिए हमने नोटिस इश्यू किया है।