मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, वाम दलों और डीएमके नेता के सहयोगियों के साथ 15 नवंबर को राजभवन के सामने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। सांसद तिरुचि शिवा भी इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। वहीं अब इस प्रदर्शन को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य सरकार के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। राज्यपाल ने खुली चुनौती देते हुए कहा कि 15 नवंबर को मेरी अनुपस्थिति में मार्च न निकालें। मार्च उस दिन आयोजित करें जब मैं राजभवन में रहूं। मैं वहां आऊंगा और अगर आपमें हिम्मत है तो सार्वजनिक बहस करें। राज्यपाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपतियों को उनके कर्तव्य करने से रोका जा रहा है, कानून और व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। मुझे ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने की धमकी दी जा रही है।
अगर तुममें हिम्मत है, तो सड़क पर मुझ पर हमला करो: राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने संवैधानिक तंत्र के पतन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मैं उनसे आग्रह करूंगा कि आगे बढ़ो, और समस्याएं पैदा करो, राजभवन में घुसो, अगर तुममें हिम्मत है, तो सड़क पर मुझ पर हमला करो। सीएम मुझे पहचानने से इंकार कर रहे हैं लेकिन मैं उन्हें पहचानता हूं।
राज्यपाल ने नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफे की मांग की थी
बता दें कि यूजीसी के नियमों के विपरीत एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) की नियुक्ति को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के साथ, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार 24 अक्तूबर को राज्य में नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफे की मांग की थी।