उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहे बमबाज गुड्डू मुस्लिम की ओडिशा में लास्ट लोकेशन ट्रेस हुई है. बताया जा रहा है कि ओडिशा के पुरी में बमबाज गुड्डू मुस्लिम छिपा हुआ था. जब असद और गुलाम का एनकाउंटर हुआ, तब गुड्डू पूरी तरह अंडरग्राउंड हो गया. एसटीएफ की कई टीम गुड्डू मुस्लिम की तलाश में रेड कर रही है.
गुड्डू मुस्लिम की ओडिशा में लास्ट लोकेशन ट्रेस हुई थी. इसी दौरान असद और गुलाम का एनकाउंटर हुआ और गुड्डू पूरी तरह अंडरग्राउंड हो गया. गुड्डू मुस्लिम की तलाश में लगी एसटीएफ टीम के सदस्य ने ‘आज तक’ ने बताया कि एसटीएफ की टीम जैसे ही पुरी पहुंची, तब तक गुड्डू गायब हो चुका था. गुड्डू मुस्लिम और ज्यादा एहतियात बरत रहा है.
5 लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम को दबोचने के लिए पुलिस ने नए सिरे से कवायद शुरू की है. गुड्डू मुस्लिम के संपर्क में रहने वाले पुराने अपराधियों और बाहुबलियों का नेटवर्क खंगाला जा रहा है. गुड्डू मुस्लिम के लखनऊ के एक रईसजादे और दो नेताओ से सीधे संपर्क थे. लखनऊ में रहने के दौरान गुड्डू मुस्लिम इसी रईसजादे के गेस्ट हाउस में रुकता था.
पुलिस अब गुड्डू मुस्लिम के उन पुराने साथियों को खंगाल रही है. पुलिस को शक है कि पुराने संपर्क की मदद से गुड्डू मुस्लिम अब तक बच रहा है. अतीक अहमद का सिडिंकेट नहीं, बल्कि पुराने दोस्तों की मदद से गुड्डू मुस्लिम फरारी काट रहा है.
ओडिशा से पहले कर्नाटक में मिली थी लोकेशन
अब एसटीएफ को गुड्डू का कोई फूट प्रिंट नहीं मिल रहा है. इससे पहले बमबाज गुड्डू मुस्लिम की लोकेशन कर्नाटक में मिली थी. गौरतलब है कि उमेश पाल की हत्या के बाद गुड्डू, झांसी पहुंचा था और वहां पांच दिन तक रूका था. फिर वहां से गुड्डू मुस्लिम मेरठ गया था. 24 फरवरी की वारदात के बाद से पुलिस को गुड्डू मुस्लिम नहीं मिला.
5 मार्च के सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि गुड्डू मुस्लिम मेरठ गया था. मेरठ में अतीक की बहन आयशा नूरी के घर गुड्डू मुस्लिम नजर आया था. आयशा के पति अखलाक ने गले लगाकर गुड्डू मुस्लिम का स्वागत किया था. इसके बाद से गुड्डू मुस्लिम का कोई सुराग हाथ नहीं लगा. उसका कर्नाटक और अब ओडिशा में लास्ट लोकेशन मिला है.
कौन है गुड्डू मुस्लिम?
अतीक अहमद के सबसे करीबी गुड्डू मुस्लिम को बम बनाने का एक्सपर्ट माना जाता है. प्रयागराज का शूटआउट गवाह है कि गुड्डू मुस्लिम कैसे बमों से खेलता था. गुड्डू मुस्लिम पहले अतीक के गैंग में नहीं था. महज़ 15 साल की उम्र में गुड्डू मुस्लिम ने छोटी-मोटी चोरियों से अपराध की दुनिया में कदम रखा.
कुछ समय बाद बाहुबलियों की पनाह मिलने के बाद उसने बम बनाना शुरू किया. धीरे-धीरे वो उत्तर प्रदेश के साथ साथ बिहार के कई गिरोहों के बीच बमबाज़ के नाम से मशहूर हो गया. देखते-देखते उत्तर प्रदेश में होने वाले हर बड़े आपराधिक मामले में गुड्डू मुस्लिम का नाम भी जुड़ने लगा.
श्रीप्रकाश शुक्ल की परछाई था गुड्डू मुस्लिम
गुड्डू मुस्लिम ने कई बाहुबली और माफिया डॉन के साथ काम किया. गुड्डू मुस्लिम कभी श्रीप्रकाश शुक्ल की परछाईं बन गया था. गुड्डू मुस्लिम ने माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के लिए भी बम बनाए. धनंजय सिंह और अभय सिंह के गैंग में गुड्डू मुस्लिम को अच्छा काम मिला. दो दशक तक गुड्डू मुस्लिम पूर्वी उत्तर प्रदेश के गैंग में नामी बना रहा.
अतीक का गुर्गा कैसे बना गुड्डू मुस्लिम?
गु्ड्डू मुस्लिम सालों पहले ही जरायम की दुनिया में कदम रख चुका था. वो यूपी की राजधानी लखनऊ में होने वाले ठेकों के टेंडर पूल करवाने में माफियाओं की मदद करता था. एक केस में जेल में बंद गुड्डू की जमानत अतीक अहमद ने कराई थी. ज़मानत के बाद गुड्डू मुस्लिम, अतीक का गुर्गा बन गया. गुड्डू मुस्लिम के तार बिहार के माफियाओं से भी जुड़े हैं.
अतीक के कई गुनाहों का मुख्य किरदार है गुड्डू मुस्लिम
गुड्डू के ज़रिए अतीक के रिश्ते भी बिहार के माफियाओं से बने. गुड्डू ने अतीक के कई गुनाहों में अहम रोल निभाया. फ़रवरी महीने में हुई उमेश पाल की हत्या के बाद आए सीसीटीवी फुटेज में भी गुड्डू मुस्लिम को मौक़े पर बम फेंकते हुए देखा गया था. पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम पर उमेश पाल के हत्याकांड के बाद 5 लाख का इनाम भी घोषित किया था.