इजरायली ड्रोन अटैक में मारा गया हमास का डिप्टी कमांडर सालेह, कासिम ब्रिगेड की रखी थी नींव

अंतरराष्ट्रीय

हमास और इजरायल के बीच युद्ध के करीब 3 महीने हो गए हैं. इजरायली सेना गाजा पट्टी में लगातार ग्राउंड ऑपरेशन में जुटी हुई है. हमास को लेबनान के संगठन हिज्बुल्ला का भी समर्थन मिला हुआ है और उसके टॉप लीडर वहीं शरण पाए हुए हैं. बेरूत में हमास के डिप्टी लीडर सालेह अल-अरूरी की मौत हो गई है.

वहीं जब इसको लेकर इजरायली सेना से सवाल किया तो उसने कहा कि वह विदेशी मीडिया में आई खबरों का जवाब नहीं देती है. हालांकि हमास ने एल-अक्सा रेडियो के जरिए अरूरी की हत्या की पुष्टि कर दी है. हमास पोलित ब्यूरो के सदस्य इज्जत अल-शार्क ने इसे ‘कायरतापूर्ण हत्या’ बताया है

सालेह अल-अरूरी हमास के पोलित ब्यूरों में एक सीनियर अधिकारी थे और इसकी सैन्य विंग, कासिम ब्रिगेड के संस्थापकों में से एक थे. इसी ब्रिगेड ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था. अरूरी पर अमेरिका ने पिछले साल पांच मिलियन डॉलर के इनाम की घोषणा की थी

इजरायली ड्रोन ने मंगलवार रात दहियाह में हमास कार्यालय पर हमला किया, जिसमें कुल छह लोग मारे गए. इसमें सालेह-अल-अरूरी के साथ डॉक्टर समेत अन्य लोग शामिल हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई. लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने दावा किया है कि हमास के डिप्टी लीडर की हत्या इजरायल ने की है और उन्होंने इसे ‘इजरायली अपराध’ बताया. पीएम ने कहा कि यह लेबनान को युद्ध में खींचने का प्रयास है.