हिमाचल प्रदेश में आज भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पिछले 48 घंटे से भी अधिक समय से हैवी रेनफॉल हो रहा है। इस दौरान 14 लोगों की मौत हो गई है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे समेत प्रदेशभर में 800 से ज्यादा सड़कें हो गई है। चंडीगढ़-मनाली NH लगभग 18 घंटे से जगह-जगह बंद पड़ा है। कालका-शिमला फोरलेन भी बार-बार लैंड स्लाइड से बंद हो रहा है।
मनाली के आलू ग्राउंड में चार मंजिला होटल की बिल्डिंग ताश के पतों की तरह ढह गई। गनीमत यह रही कि इसे पहले ही खाली कराया जा चुका था। भारी बारिश के कारण आई आपदा से लोगों को घर पर पीने को साफ पानी नहीं मिल रहा। आधे हिमाचल में बिजली गुल, सड़कें व रास्ते बंद होने से लोग परेशान है। गाड़ियां नदी के तेज बहाल में तैर रही है। पहाड़ों की लाइफलाइन कहे जाने वाली सड़कों को कनेक्ट करने वाले एक दर्जन से ज्यादा पुल ध्वस्त हो गए है। रेल और हवाई सेवाएं भी बंद पड़ी है।
दो दिन में ही छह दर्जन से ज्यादा घरों, दुकानों और गौशालाओं को नुकसान हो चुका है। इससे सैकड़ों लोगों से आशियाना छिन गया है। इससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।चिंता इस बात की है कि आज भी भारी बारिश से राहत के आसार नहीं है।
आज दिनभर ऑरेंज अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि आज दिनभर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि अगले कुछ घंटों के दौरान चंबा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर, सोलन और मंडी जिले के लिए फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है।
रविवार की तुलना में आज कुछ कम बारिश होगी। कल से 13 जुलाई तक मानसून में हल्की कमी आएगी। 14 जुलाई से मानसून फिर अधिक एक्टिव होगा। उन्होंने जनता से सावधानी बरतने की अपील की है।
उफनते हुए नदी-नालों के आसपास न जाएं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने प्रदेशवासियों और पर्यटकों से सावधानी बरतने, उफनते नदी-नालों के पास नहीं जाने और लैंडस्लाइड संभावित ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टालने की अपील की है। दो दिन से जारी भारी बारिश के बाद राज्य के सभी नदी-नाले उफान पर हैं। ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
कई गांव में ब्लैक आउट
प्रदेश के कई गांवों में बीती रात से ही बिजली गुल है। मैदानी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति है, जबकि पहाड़ों पर लैंडस्लाइड से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। अकेले शिमला जिला में आठ लोगों की लैंडस्लाइड के कारण आई आपदा से जान जा चुकी है।