झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. उनकी अंतरिम याचिका पर कोर्ट में कल यानी 22 मई को फिर विचार करेगा. हेमंत की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि निचली अदालत और हाईकोर्ट में जो आधार रखे थे वो सुप्रीम कोर्ट में कैसे बदल गए. वहीं, अदालत ने उनकी दलीलों के बाद मामले पर अहम टिप्पणी की और कहा कि जांच एजेंसी ED के पास मेरिट पर अच्छा केस है. जमीन घोटाले में आरोपी हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है. इसी वजह से बुधवार को भी कोर्ट में सुनवाई करेगा.
ASG राजू ने कहा कि 15 अप्रैल 2024 को सोरेन ने जमानत याचिका दायर की थी. 13 मई 2024 को इन्हीं आरोपों के आधार पर जमानत याचिका खारिज हो गई. PMLA के तहत सिर्फ कब्ज़ा ही पर्याप्त है. स्वामित्व की आवश्यकता नहीं है. नोटिस जारी होने के बाद, सोरेन ने मूल भूमि मालिकों में से एक से संपर्क किया और स्थिति को पलटने की कोशिश की. कई तरह की छेड़छाड़ की गई है. इन सभी बातों पर ट्रायल कोर्ट ने विचार किया है.