छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने बघेल सहित चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद व पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार विजय बघेल ने ये याचिका लगाई है। इस प्रकरण पर अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी। याचिकाकर्ता ने विधायक बघेल के निर्वाचन को शून्य घोषित करने के साथ ही चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है। याचिकाकर्ता विजय बघेल ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान के 48 घंटे पहले रैली निकालने अथवा सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगाया है। इसमें विजय ने कहा कि 16 नवंबर 2023 को तत्कालीन सीएम व विधायक प्रत्याशी भूपेश बघेल द्वारा रैली व रोड शो का आयोजन किया गया था, जो धारा 126 का स्पष्ट उल्लंघन है। न्यायालय ने इन तर्कों और याची के द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाणों के आधार पर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता विजय बघेल ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग के प्रविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी उम्मीदवार को मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पहले की अवधि के भीतर चुनाव के संबंध में किसी भी सार्वजनिक बैठक या जुलूस निकालने, आयोजित करने, भाग लेने, शामिल होने या संबोधित करने से प्रतिबंधित किया जाता है।
याचिका के अनुसार साइलेंस पीरियड के प्रारंभ होने के बाद उसे यह पता चला कि 16 नवंबर 2023 को तत्कालीन सीएम व विधायक प्रत्याशी भूपेश बघेल द्वारा रैली व रोड शो का आयोजन किया गया था। जो धारा 126 का स्पष्ट उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने आरोप को प्रमाणित सिद्ध करते हुए कहा कि प्रतिबंधित समय में तत्कालीन सीएम द्वारा निकाले गए रोड शो की रिकार्डिंग की गई है। साथ ही तस्वीरें भी खीचीं गई हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि रैली के आयोजन में न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया बल्कि कई सरकारी कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों ने भी तत्कालीन सीएम व कांग्रेस के उम्मीदवार भूपेश बघेल की मदद की।