हिमाचल : शिमला, मंडी और कूल्लू, तीन जगहों पर बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई. हादसे में अब तक 50 लोग लापता हैं. बादल फटने के बाद लैंडस्लाइड की वजह से कई सड़के बंद है जिसकी वजह से रेस्क्यू टीम के लिए मौके पर पहुंचना बड़ी चुनौती है. भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में अब भूकंप के झटके लगे हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके महसूस किए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 की रही. हालांकि इसमें किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. शिमला के पास रामपुर में जब बादल फटे थे तब लोग नींद में थे. राज्य आपात अभियान केंद्र ने बताया कि कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फट गया. शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी के मुताबिक, बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके परिणामस्वरूप शिमला में रामपुर उपमंडल के समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ने से दो लोगों की मौत हो गयी तथा 36 अन्य लापता हो गए.
बादल फटने की घटनाओं के बाद नदियों का रौद्र रूप देखने को मिला. कुल्लू के मणिकर्ण के मलाणा में बादल फटने के बाद मलाणा बांध की दीवार टूट गयी और ब्यास नदी अपनी सीमाएं तोड़कर बहने लगी. कुल्लू में नदी किनारे बना सब्जी मंडी का भवन पानी में बह गया. एक निर्माणाधीन इमारत भी ढह गई. कुल्लू में सात लोग लापता हैं. मलाणा पावर प्रोजेक्ट में फंसे 29 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. जबकि चार लोग प्रोजेक्ट में अभी फंसे हुए हैं भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से रास्ते इतने खराब हो गये हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किल हो रहा है. शिमला में एक साथ दो जगहों पर बादल फटा. रामपुर के समेच गांव के 36 लोग लापता हैं, जिनमें 18 महिलाएं शामिल हैं. वहीं मंडी के रामबन गांव तक जाने वाले तकरीबन सभी रास्ते क्षतिग्रस्त हो गये हैं.जगह जगह झरने बह रहे हैं. मलबा-कीचड़ और चट्टानें राहत और बचाव दलों को हर एक कदम पर चुनौती दे रहे हैं.