हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार की जीत हुई। वोटों की गिनती के बाद रिटर्निग अधिकारी और विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा द्वारा भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को विजयी घोषित कर दिया गया। कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए। माना जा रहा है कि कांग्रेस के आधा दर्जन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। इस चुनाव में जीत के लिए 35 विधायकों के वोट चाहिए थे।
हिमाचल प्रदेश की सत्ता में काबिज कांग्रेस की ओर से 40 विधायकों का समर्थन होने का दावा ध्वस्त हो गया। चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट पड़े। वोटों की संख्या बराबर होने पर ड्रॉ ऑफ लॉट्स की प्रक्रिया को अपनाया गया। इसमें हर्ष महाजन विजयी रहे। 68 सदस्यीय विधानसभा में 25 विधायकों वाली भाजपा ने राज्यसभा चुनाव जीत कर चौंका दिया है।
राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जीत से कांग्रेस की सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 29 फरवरी को विधानसभा में वितीय वर्ष 2024-25 का बजट पारित होना है। ऐसे में उस दिन कांग्रेस को बहुमत का आंकड़ा साबित करना कांग्रेस सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर सुक्खू सरकार से इस्तीफे की मांग की है।
इससे पहले राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव की मतगणना शुरू होते ही मतदान केंद्र में गहमागहमी हुई। विपक्षी दल भाजपा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप जड़ दिया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस विधायक सुदर्शन बबलू के मामले में आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। हिमाचल प्रदेश सरकार का हेलीकॉप्टर विधायक को लेकर शिमला आता है और मुख्यमंत्री अपनी कार में बिठाकर उन्हें मतदान केंद्र तक लेकर आते हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यह आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी से अंतिम चुनाव परिणाम न आने तक कांग्रेस विधायक के वोट को अवैध करार देने की अपील भी की। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा पर विधायकों को किडनैपिंग के आरोप लगाया है।