छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में हाउसिंग बोर्ड के एक ठेकेदार और बोर्ड अफसरों की अनियमितता का मामला सामने आया है। बताया गया है कि यहां एक ठेकेदार ने पहले तो तय समय पर काम पूरा नहीं किया। कार्य अवधि बढ़ाने की मंजूरी के बिना उससे काम लिया जा रहा है। यही नहीं, इस ठेकेदार को 20.65 करोड़ रुपए का भुगतान बिना काम पूरा किए ही कर दिया गया। इसके पूरा किए ही कर दिया गया। इसके पीछे ठेकेदार और बोर्ड के संबंधित अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। इससे भी महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि इस मामले की जानकारी मिलने के बाद बोर्ड के रायपुर मुख्यालय की टीम ने यहां आकर जांच निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन रिपोर्ट मिलने के पांच महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हाऊसिंग बोर्ड प्रक्षेत्र जगदलपुर के अपर आयुक्त एसके भगत ने बताया कि मुख्यालय से पहुंची टीम के साथ बीजापुर जिले के 4 ब्लॉक मुख्यालय में निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण कर रिपोर्ट मुख्यालय को पांच माह पूर्व भेजी जा चुकी है।
निरीक्षण में पता चला कि बीजापुर, भैरमगढ़, – भोपालपट्टनम एवं ऊसूर (आवापल्ली) में सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों हेतु जीएडी आवास भवनों का निर्माण एवं विकास कार्य जांच समिति के निरीक्षण 2 अगस्त 2024 तक पूर्ण नहीं हुआ है। नहीं हुआ है। विकासखण्ड भोपालपट्टनम एवं ऊसूर (आवापल्ली) में कार्यस्थल पर जिन आयटमों का कार्य संपादन नहीं हुआ है, उन संपादन नहीं हुआ है, उन आयटमों का भी माप दर्ज कर भुगतान किया जा चुका है तथा निर्माण कार्य हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त अतिरिक्त समयावृद्धि अवधि 28 फरवरी 2022 समाप्त होने पश्चात कार्य कराया जा रहा है, परन्तु अतिरिक्त समयावृद्धि स्वीकृति हेतु ठेकेदार द्वारा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है, न ही कार्यपालन अभियंता द्वारा अतिरिक्त समयावृद्धि हेतु प्रकरण उपायुक्त को प्रेषित किया है।