पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे के बीच पिछले 24 घंटे में एक बार फिर हिंसा सुलग उठी है. गुरुवार को राज्यभर में अलग-अलग घटनाएं हुईं. कहीं गोलीबारी हुई है. कहीं टायर जलाए गए हैं तो कहीं सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई है. पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा है l
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को पहली बार हिंसा हुई थी. तब से हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. 58 दिन भी राज्य हिंसा की चपेट में हैं. जातीय संघर्ष के बाद से राज्य भर में अब तक करीब 50,000 लोग 300 से ज्यादा राहत शिविरों में रह रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री भी राज्य में दौरा कर चुके हैं और हिंसा पीड़ितों से लेकर अलग-अलग समुदाय के लोगों की समस्याएं सुन चुके हैं. उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया है. गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी दो दिन के दौरे पर मणिपुर पहुंचे. उन्होंने चुराचांदपुर में रिलीफ कैंप में पीड़ितों का दर्द सुना है l
मणिपुर में सीएम आवास तक जुलूस निकालने की कोशिश
इस घटना में शामिल उपद्रवी जिस समुदाय से आते हैं, उसके सदस्य बौखला गए. देर रात तनाव उस वक्त और बढ़ गया, जब शव के साथ प्रदर्शनकारी इम्फाल पहुंच गए. राजधानी में मुख्यमंत्री आवास तक जुलूस निकालने की कोशिश की गई. जब पुलिस ने इन्हें सीएम आवास की तरफ जाने से रोका तो जुलूस हिंसक हो गया. उसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रदर्शन करने वालों ने सड़कों पर टायर भी जलाए l
बाजार में एकत्रित हुई थी भीड़
प्रदर्शनकारियों ने पहले कर्फ्यू के आदेशों का उल्लंघन किया और फिर न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए. गुस्साई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों ने मोर्चा संभाला. भीड़ इम्फाल के मध्य में ख्वायरनबंद बाजार में एकत्र हुई थी, जहां सुबह कांगपोकपी जिले में गोलीबारी में मारे गए एक व्यक्ति का शव लाया गया था और उसे ताबूत में रखा गया था. आरएएफ कर्मियों के साथ पुलिस मौके पर पहुंची. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. फिर उन्होंने शव को जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मुर्दाघर भेजा l