‘हुमायूं का मकबरा हिंदुओं का…’, ब्रिटिश अखबार ने क्या छापा कि आया निशाने पर

राष्ट्रीय

जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भारत आ रहे हैं. भारतीय मूल के ऋषि सुनक के भारत आने को लेकर ब्रिटेन की मीडिया लगातार कवरेज कर रही है. इसी बीच ब्रिटेन के एक प्रमुख अखबार के एक लेख से विवाद खड़ा कर दिया है. अखबार संडे टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में हुमायूं के मकबरे को ‘हिंदुओं का आध्यात्मिक स्थल’ कह दिया जिसे लेकर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.

रिपोर्ट में लिखा गया, ‘उम्मीद है कि भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हिंदुओं के आध्यात्मिक स्थल हुमायूं का मकबरा जाएंगे.’

संडे टाइम्स में यह लेख बीते हफ्ते शनिवार को प्रकाशित हुआ था जिसका शीर्षक था- ‘ऋषि सुनक और कीर स्टार्मर के लिए गर्मियां खत्म हो गई हैं, लेकिन वे अभी भी समुंदर किनारे ही हैं.’

लेख में सुनक और स्टार्मर के बीच अगले आम चुनावों को लेकर प्रतिस्पर्धा की बात की गई थी. स्टार्मर लेबर पार्टी के नेता हैं और सुनक कंजर्वेटिव पार्टी से प्रधानमंत्री चुनकर आए हैं.

क्या लिखा था संडे टाइम्स ने?

संडे टाइम्स ने अपने लेख में लिखा था, ‘ऋषि सुनक सप्ताह के अंत में भारत पहुंचेंगे जहां वह विश्व नेताओं की जी20 बैठक में भाग लेंगे. उम्मीद है कि ब्रिटेन के पहले एशियाई मूल के प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा. ऋषि के एक सहयोगी ने कहा कि सड़कों पर ऋषि की तस्वीरें लगी होंगी. यह उनके लिए बहुत बड़ी बात है. कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि ऋषि सुनक को स्थानीय फैंस घेर सकते हैं.’

लेख में सुनक के हुमायूं का मकबरा जाने का जिक्र करते हुए संडे टाइम्स ने लिखा, ‘उम्मीद है कि सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति, जो एक भारतीय अरबपति की बेटी हैं, के साथ हुमायूं का मकबरा जाएंगे और वहां तस्वीरें खिचवाएंगे. हुमायूं का मकबरा हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक स्थल है और एक ऐसी जगह है जो कपल्स को काफी पसंद है. संभावना है कि भारतीय मूल के प्रधानमंत्री का मकबरा जाना ब्रिटेन के मतदाताओं को पसंद आएगा.’

लेख को लेकर लोगों ने उड़ाया मजाक

संडे टाइम्स का लेख प्रकाशित होने के बाद भारत में सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए और कहने लगे कि मुस्लिम शासक हुमायूं के मकबरे को हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक स्थल कैसे कहा जा सकता है. यूजर्स पश्चिमी मीडिया का मजाक उड़ाते हुए लिख रहे हैं कि सुनक भारत में कब से इतने लोकप्रिय हो गए कि भीड़ उन्हें घेर लेगी.

एक एक्स (ट्विटर) यूजर ने लिखा, ‘ब्रिटेन की पत्रकारिता की हालत देखिए. ये मान रहे हैं कि ऋषि सुनक भारत में इतने लोकप्रिय हैं कि जी-20 के दौरान भीड़ उन्हें घेर लेगी.’

एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘ये कैसा लेख है? ऋषि सुनक को भारत में लोग घेर लेंगे…. और फिर हुमायूं का मकबरा हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक कब से हो गया. गलत तथ्य….बेकार की कल्पनाएं…क्या ब्रिटेन का मीडिया ऐसे ही अखबार छापता है?’

जी-20 के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री के अलावा और कौन आ रहा?

जी-20 दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है जिसमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन समेत अन्य देश शामिल हैं. भारत इस बार जी-20 की मेजबानी कर रहा है जिसका शिखर सम्मेलन 9-10 सितबंर के बीच दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है.

जी-20 बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना आदि नेता शामिल हो रहे हैं.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बैठक से दूर रहेंगे. उनकी जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे. उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री लि कियांग भारत आएंगे.