गोवा में दूधसागर डैम पहुंचे सैकड़ों पर्यटक रोके गए, हादसे का खतरा था…

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गोवा के दूधसागर वाटरफॉल पहुंचे सैकड़ों पर्यटकों को रेलवे पुलिस ने रोक लिया। दूधसागर पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, लेकिन मानसून के बीच ट्रैकिंग से हादसों का खतरा रहता है। इसे देखते हुए गोवा रेलवे पुलिस और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने कुछ दिनों पहले झरने पर एंट्री बैन कर दी थी। इसके बावजूद रविवार को सैकड़ों की संख्या में पर्यटक वॉटरफॉल देखने पहुंचे। ये पर्यटक दूधसागर रेलवे स्टेशन पर उतरकर पटरियों के किनारे ट्रैकिंग कर रहे थे। पुलिस ने इन पर्यटकों को वहीं रोक लिया और आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद पर्यटकों ने ट्रैक जाम कर दिया।

रेलवे ने लोगों से अपील की- रेलवे ट्रैक के किनारे न चलें
इस घटना के बाद साउथ वेस्टर्न रेलवे ने लोगों से अपील की है कि वे रेवले ट्रैक के किनारे न चलें। रेलवे ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, हम आपसे अपील करते हैं कि आप दूधसागर झरने की खूबसूरती का आनंद अपनी ट्रेन के कोच से ही लें।

रेलवे ने कहा कि ट्रैक के किनारे चलने से न सिर्फ आपकी सुरक्षा को खतरा पैदा होता है, बल्कि यह रेलवे एक्ट के सेक्शन 147 और 159 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। यह ट्रेनों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। ब्रगैंजा घाट के किनारे दूधसागर या किसी और स्टेशन पर उतरने पर बैन लगाया गया है। सभी पैसेंजरों से अनुरोध है कि आपकी सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों का आप पालन करें।

गोवा-कर्नाटक के बॉर्डर पर है दूधसागर झरना
दूधसागर झरना गोवा और कर्नाटक बॉर्डर पर है, जहां से मंडोवी नदी गुजरती है। मानसून आने पर 15 दिन की बारिश के बाद झरना 310 मीटर (करीब 1017 फीट) की ऊंचाई से बह निकला है। इसकी चौड़ाई करीब 30 मीटर है।

दूधसागर पणजी से 60 किमी दूर है। इसे ‘मिल्क ऑफ सी’ भी कहा जाता है। दूध सागर झरने के सामने से रेलवे लाइन गुजरती है। पानी एक हजार फीट की ऊंचाई से गिरने पर ऐसा लगता है, मानो दूध गिर रहा हो। इसी खासियत के चलते लोग इसे दूधसागर के नाम से जानते हैं।