बीजापुर के तर्रेम में IED ब्लास्ट हुआ, 2 जवान शहीद, 4 घायल…एंटी नक्सल ऑपरेशन से लौट रहे थे

क्षेत्रीय

छत्तीसगढ़ : बीजापुर में बीती रात तर्रेम थाना क्षेत्र के मंडिमरका के जंगलों में नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया. इसकी चपेट में आने से 2 जवान शहीद हो गए हैं, इसके साथ ही 4 जवान जख्मी भी हुए हैं. घायल जवानों का जिला चिकित्सालय में चल रहा इलाज. बेहतर इलाज के लिए हेलिकॉप्टर के जरिए रायपुर रेफर किए जाने की चल रही तैयारी. जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन से लौटते वक्त पाइप बम में ब्लास्ट किया गया. STF के प्रधान आरक्षक भरत लाल साहू और आरक्षक सतेर सिंह इस धमाके में शहीद हुए हैं घायल जवानों में पुरषोत्तम नाग, कोमल यादव, सियाराम सोरी और संजय कुमार हैं. CRPF, कोबरा, CAF, DRG और STF के जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन पर निकले थी, इसी दौरान यह ब्लास्ट किया गया. बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के मध्य सीमावर्ती इलाके में लगातार दरभा डीवीजन, पश्चिम बस्तर डिविजन और मिलेट्री कंपनी नंबर 2 के माओवादियों के होने की जानकारी मिलने के बाद 16 जुलाई 2024 को STF, DRG, CoBRA और CRPF की टीमें संयुक्त अभियान पर निकली थीं.
सर्च ऑपरेशन के बाद 17 जुलाई 2024 को सुरक्षा बलों की वापसी के वक्त बीजापुर के तर्रेम एरिया में माओवादियों द्वारा IED ब्लास्ट कर दिया गया. घटना के बाद अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया है और घायल STF जवानों के इलाज के लिए जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं. इसी हफ्ते बीजापुर जिले में पुलिस ने तर्रेम थाना क्षेत्र के छुटवाई गांव में नदी के पास से एक महिला सहित सात नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार नक्सलियों में तामो भीमा और उइका मंगारी उर्फ ​​ज्योति भी शामिल हैं, जिन पर तीन लाख रुपये का इनाम था.

अधिकारियों ने बताया, “तमो भीमा, महिला कैडर उइका मंगारी उर्फ ​​ज्योति और पांच अन्य को उस समय पकड़ा गया जब स्पेशल टास्क फोर्स, 21- CoBRA बटालियन, सीआरपीएफ की 153 बटालियन और स्थानीय पुलिस की एक टीम एक एंटी-नक्सल ऑपरेशन के लिए निकली थी.” भीमा प्रतिबंधित माओवादी संगठन के प्लाटून नंबर 9 का सदस्य था और उस पर 2 लाख रुपये का इनाम था. ज्योति पर एक लाख रुपये का इनाम था. वह कोंडापल्ली आरपीसी (क्रांतिकारी पार्टी समिति) के तहत क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन (केएएमएस) की अध्यक्ष थी सातों नक्सली छुटवाई में सिक्योरिटी कैंप पर हमले और बीजापुर जिले में लंबे समय से चल रही माओवादी हिंसा की कई अन्य घटनाओं में शामिल थे.