सब्जियों, दालों, फलों के दामों में तेजी, महंगाई बढ़कर 16 महीनों के उच्च स्तर 3.36 फीसदी पर

राष्ट्रीय व्यापार

वाणिज्य-उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को बयान जारी कर कहा, “थोक मुद्रास्फीति सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर थोक महंगाई दर जून में बढ़कर 16 महीने के उच्च स्तर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जून महीने में खाद्य पदार्थों के दाम, खाद्य पदार्थों के उत्पादन, कच्चे तेल, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस और अन्य चीजों की कीमतों में वृद्धि की वजह से महंगाई दर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मुख्य रूप से सब्जियों, दालों, फलों और अनाज के दामों में तेजी आने की वजह से महंगाई दर में वृद्धि दर्ज की गई है। इन खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारण अप्रैल-मई-जून में देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी और फिर बरसात के कारण आपूर्ति बाधित होने को बताया जा रहा है। गर्मी के चलते खाद्य पदार्थों, मुख्य रूप से सब्जियों को नुकसान पहुंचा और आपूर्ति बाधित होने से सब्जियों, फलों एवं अनाज जैसे खाद्य उत्पादों की कीमतों में उछाल आया।

मई 2024 में थोक महंगाई बढ़कर 15 महीनों के ऊपरी स्तर 2.61% पर थी। इससे पहले अप्रैल 2024 में महंगाई 1.26% रही थी, जो 13 महीने का उच्चतम स्तर था। रिटेल महंगाई में भी तेजी देखने को मिली है। वहीं, पिछले साल जून 2023 में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी रही थी। , खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति जून में 10.87 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई दर जून में 38.76 प्रतिशत रही, जो मई में 32.42 प्रतिशत थी। प्याज की महंगाई दर 93.35 प्रतिशत रही, जबकि आलू की महंगाई दर 66.37 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर जून में 21.64 प्रतिशत रही। इतना ही नहीं जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है और यह चार महीनों के अपने उच्चतम स्तर 5.08 फीसदी पर पहुंच गया है। माना जा रहा है कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों का असर सीपीआई पर भी पड़ा है।