केंद्र सरकार ने लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बदलाव के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. इसका फायदा ना सिर्फ 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को होगा, बल्कि करीब 65 लाख पेंशनर्स को भी होगा. 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद, केंद्र सरकार के कर्मचारी अब अपनी सैलरी में होने वाले बदलावों के बारे में जानना चाहते हैं जो नए वेतन आयोग के तहत समिति के गठन के बाद लागू किए जाएंगे. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग के गठन के संबंध में जनवरी में अपडेट मिला था. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें आयोग की स्थापना को मंजूरी दे दी है. यह घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 से पहले की गई थी, लेकिन इसे लागू करने के बारे में खुलासा नहीं किया गया. हालांकि, 8वें वेतन आयोग 2026 में लागू होने की उम्मीद है. 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 2026 में समाप्त हो रहा है. ऐसे में सरकार के पास सिफारिशों और उनकी समीक्षा करने के लिए पर्याप्त समय होगा.
वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की सिफारिश फिटमेंट फैक्टर के आधार पर करता है. अगर फिटमेंट फैक्टर कम होगा तो कम सैलरी बढ़ेगी और अगर ज्यादा होगा तो ज्यादा सैलरी बढ़ेगी. इसे हर वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय किया जाता है और इसे तय करने के लिए महंगाई, कर्मचारियों की जरूरतों और सरकार की वित्तीय क्षमता जैसे कई फैक्टर्स पर गौर किया जाता है 8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर 2.28 और 2.86 के बीच हो सकता है, जिससे बेसिक सैलरी में 40-50% की बढ़ोतरी हो सकती है. एक्सपर्ट्स की मानें तो फिटमेंट फैक्टर 2.6 और 2.85 के बीच होगा, जिसका सीधा असर केंद्र सरकार के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन पर पड़ेगा.
पिछले आयोगों में, इस फैक्टर में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिसके चलते कर्मचारियों की सैलरी में इतना इजाफा हुआ है. 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया था, जिससे औसत वेतन वृद्धि 23.55% हुई. इससे पहले, छठे वेतन आयोग ने 1.86 का फैक्टर लागू किया था. 8 वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारी अपनी टेक होम सैलरी में और भी ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं.