प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार यानी 17 अक्टूबर को ISRO के साइंटिस्ट के साथ मीटिंग की। इसमें 21 अक्टूबर को भारत के पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन ‘गगनयान’ के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग की तैयारियों की जानकारी ली।
PMO ने बताया कि भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान 2025 में होने की संभावना है। मीटिंग में प्रधानमंत्री ने ISRO के वैज्ञानिकों से कहा कि हमें 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना पर काम करना चाहिए। PM ने वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर पर भी काम करने को कहा।
ISRO मिशन ‘गगनयान’ के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग 21 अक्टूबर को सुबह 7 से 9 बजे के बीच करेगा। आसान भाषा में कहें तो मिशन के दौरान रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम की टेस्टिंग होगी।
गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। इस फ्लाइट में तीन हिस्से होंगे- अबॉर्ट मिशन के लिए बनाया सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम। क्रू मॉड्यूल के अंदर का वातावरण अभी वैसा नहीं होगा जैसा मैन्ड मिशन में होगा।
अबॉर्ट जैसी सिचुएशन बनाई जाएगी
टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल को ऊपर ले जाएगा। फिर अबॉर्ट जैसी सिचुएशन बनाई जाएगी। लगभग 17 किमी की ऊंचाई पर जब रॉकेट साउंड की स्पीड से 1.2 गुना होगा तो इससे क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम अलग हो जाएगा। क्रू मॉड्यूल को यहां से लगभग 2 Km दूर ले जाया जाएगा और श्रीहरिकोटा से 10 Km दूर समुद्र में लैंड कराया जाएगा।
इस मिशन में वैज्ञानिक यह टेस्ट करेंगे कि अबॉर्ट ट्रैजेक्टरी क्या ठीक तरह से काम कर रही है। असल मिशन के दौरान रॉकेट में खराबी आने पर एस्ट्रोनॉट कैसे सुरक्षित रूप से लैंड करेंगे। कुल चार टेस्ट फ्लाइट भेजी जानी हैं। TV-D1 के बाद D2, D3 और D4 को भेजा जाएगा।
अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया गया है। अनमैन्ड मिशन यानी इसमें किसी भी मानव को स्पेस में नहीं भेजा जाएगा। अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे।
अगले साल अनमैन्ड और मैन्ड मिशन लॉन्च करने की योजना
गगनयान मिशन के तहत इसरो ने अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया है। अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएं