भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम सिंगापुर के 9वें राष्ट्रपति बने, 70 फीसदी वोटों से जीता चुनाव

अंतरराष्ट्रीय

भारतवंशी थर्मन शनमुगरत्नम ने सिंगापुर का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। वे देश के 9वें राष्ट्रपति होंगे। चुनाव आयोग ने शुक्रवार देर रात इसका ऐलान किया। थर्मन ने चीनी मूल के 2 विरोधियों को करारी शिकस्त दी है। 1 सितंबर को हुए मतदान में उन्हें कुल 70.4% वोट मिले।

सिंगापुर के इलेक्शन डिपार्टमेंट के मुताबिक शुक्रवार (1 सितंबर) को हुई वोटिंग में सिंगापुर के करीब 27 लाख लोगों में से 25.3 लाख लोगों ने मतदान किया और 93.4% वोटिंग हुई।शनमुगरत्नम के विरोधियों एनजी कोक सांग को 15.72% और टेन किन लियान को 13.88% वोट मिले हैं। थर्मन को दोनों के वोट के दोगुना वोट मिले हैं।

हारे हुए केंडीडेट बोले- संसद ही चुने राष्ट्रपति
चुनावी नतीजे जारी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनमुगरत्नम को बधाई दी। उन्होंने कहा- मैं सिंगापुर और भारत के रिश्तों को बेहतर करने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हसैन लूंग ने भी थर्मन को बधाई देते हुए कहा है कि वो भारी सफलता से राष्ट्रपति पद के दायित्वों को पूरा करेंगे। जीत के बाद थर्मन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सिंगापुर के मतदाताओं को सही फैसला लेने के लिए धन्यवाद।

वहीं, हार से बौखलाए टेन किन लियान ने कहा कि सिंगापुर चुनाव की जगह पुराने तरीके लागू करें, जिसमें संसद ही राष्ट्रपति का चुनाव करती थी। दरअसल, सिंगापुर में 11 साल बाद राष्ट्रपति को चुनने के लिए लोगों ने मतदान किया है। भारत की तरह की सिंगापुर में भी राष्ट्रपति सेरेमोनियल पोस्ट होती है।

शनमुगरत्नम ने सिंगापुर की सत्ताधारी पार्टी पीपल्स एक्शन पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा था।हारने वाले दूसरे कैंडिडेट एनजी कोक सांग ने कहा कि मैं 100 फीसदी सफल रहा। मैं लोगों को वोट देने का मौका देना चाहता था।

थर्मन तीसरे भारतवंशी राष्ट्रपति
थर्मन मतदान से राष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। वहीं, सिंगापुर में भारतीय मूल के तीसरे राष्ट्रपति बने हैं। 1981 में संसद में चुने गए देवेन नायर राष्ट्रपति बने थे। एस. आर. नाथन 1999 से 2011 तक 11 साल तक राष्ट्रपति रहे। वे निर्विरोध चुने गए थे। 1991 के बाद से आम लोग वोटिंग से राष्ट्रपति चुनते हैं।