तुर्की में भारत के दीपेंद्र बने मसीहा, फ्री में दे रहे खाना और 24 घंटे सेवा…

राष्ट्रीय

तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. संकट के इस वक्त में पूरी दुनिया ने तुर्की और सीरिया की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है. भारत ने भी मदद भेजी है. एनडीआरएफ की टीमें भारत की तरफ से ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत लगभग 6 विमानों से राहत सामग्री, मोबाइल अस्पताल और अन्य जरूरी सामानों से साथ पहुंचकर बचाव कार्य के में जुटी हुई हैं. इसके अलावा वहां रह रहे भारतीय भी मदद के लिए आगे आए हैं.

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के रहने वाले दीपेंद्र तुर्की के कैपेडोकिया शहर में नमस्ते इंडिया नाम से एक होटल चलाते हैं और उनके दो रेस्तरां भी हैं. जो इस समय 24 घंटे भूकंप पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. दीपेंद्र ने भूंकप पीड़ितों के लिए अपने होटल के दरवाज खोल दिए हैं और पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं.

दीपेंद्र ने बताया, ”वह भूकंप वाली जगह से करीब 220 किलोमीटर की दूरी पर हैं. 30 भूकंप पीड़ित लोग उनके होटल ‘नमस्ते इंडिया’ में फ्री में ठहरे हुए हैं. वह 60 लोगों को मुफ्त खाना खिला रहे हैं. अगर किसी को मेडिकल सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है तो वो भी उपलब्ध करा रहे हैं. यहां बेहद ठंड है और बर्फबारी हो रही है. कई लोग ऐसे हैं जो सिर्फ बिस्कुट खाकर किसी तरह से अपना गुजारा चला रहे हैं.”

दीपेंद्र ने बताया कि लोग बड़ी संख्या में पीड़ित कैपेडोकिया की तरफ आ रहे हैं. क्योंकि भूकंप वाली जगह पर लोगों के लिए ना खाना है और ना ही पीने की व्यवस्था. दीपेंद्र पिछले 10 सालों से यहां रह रहे हैं. दीपेंद्र बताते हैं कि 2009 में सबसे पहले वे तुर्की के इंस्ताबुल शहर पहुंचे थे. यहां भी उन्होंने ‘स्वाद’ नाम से एक इंडियन रेस्टारेंट शुरू किया था.

बता दें, पिछले सोमवार को तुर्की और सीरिया के बीच सीमा क्षेत्र में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. यहां तबाही का मंजर कुछ ऐसा है कि शहर की सड़कों पर लाशें बिछी हैं. कंबलों, गलीचों और तिरपालों में शव लिपटे पड़े हैं. मुर्दाघर और कब्रिस्तान फुल हो चुके हैं. वहीं एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि अभी आगामी 6 महीने तक तुर्की में इसी तरह के भूकंप के झटके आते रहेंगे.

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने भूकंप से तबाह क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि भूकंप से बचे लोगों के लिए घरों को फिर से तैयार किया जाएगा. साथ ही कहा कि नष्ट हुए घरों को एक साल के अंदर फिर से बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों को 10,000 तुर्की लीरा (532 डॉलर) प्रदान करेगी. वहीं तुर्की के भूकंप प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है. वैसे- वैसे लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीदें भी कम होती जा रही हैं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक तुर्की में अगले 6 महीनों तक यहां भूकंप के झटके लग सकते हैं. भूकंप से करीब 10 से 20 मिलियन लोग प्रभावति हुए हैं. इसके साथ ही आशंका जताई गई है कि मरने वालों का आंकड़ा 40 हजार से ज्यादा हो सकता है. जबकि घायलों का आंकड़ा लगभग 2 लाख लोगों के करीब हो सकता है. भूकंप में तुर्की के 10 प्रांतों सबसे ज्याद प्रभावित हुए हैं. इनमें 10,000 इमारतें जो गिर गई हैं, जबकि 50 हजार से एक लाख इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं.