अचानक फटा इंडोनेशिया का ज्वालामुखी, 11 पर्वतारोहियों की मौत… चारों तरफ राख ही राख…

अंतरराष्ट्रीय

इंडोनेशिया में मौजूद मरापी ज्वालामुखी में अचानक विस्फोट हो गया. जिसकी वजह से वहां मौजूद 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई. 9843 फीट ऊंचा ज्वालामुखी लगातार राख के गुबार उगल रहा है. इंडोनेशिया की डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी BNPB ने लोगों से ज्वालामुखी के पास न जाने की सलाह जारी की है.

ज्वालामुखी विस्फोट के बाद काफी तेज गति में राख निकल रहा था. इससे आसपास के शहरों में राख के बादल छा गए. सड़कों, घरों, पेड़ों और गाड़ियों सब पर राख ही राख फैल गई. स्थानीय प्रशासन ने लोगों को ज्वालामुखी के आसपास तीन किलोमीटर के घेरे तक जाने से मना किया है.

मरापी ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद दूसरे स्तर का अलर्ट जारी किया गया है. डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के आदे सेतियावान ने कहा कि हमने स्थानीय लोगों को मास्क दिया है. साथ ही उन्हें घरों में रहने की सलाह दी है. ताकि वो लोग जहरीले राख के बीच न घूमें.

दुनिया में 1500 एक्टिव यानी सक्रिय ज्वालामुखी है. दुनिया में सबसे ज्यादा सक्रिय यानी एक्टिव ज्वालामुखी इंडोनेशिया में हैं. यहां पर कुल 121 ज्वालामुखी हैं. जिसमें से 74 ज्वालामुखी सन 1800 से सक्रिय हैं. इनमें से 58 ज्वालामुखी साल 1950 से सक्रिय हैं. यानी इनमें कभी भी विस्फोट हो सकता है. सात ज्वालामुखियों में तो 12 अगस्त 2022 के बाद से लगातार विस्फोट हो ही रहा है. ये हैं- क्राकटाउ, मेरापी, लेवोटोलोक, कारांगेटांग, सेमेरू, इबू और डुकोनो.

इंडोनेशिया जिस जगह हैं, वहां पर यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट दक्षिण की ओर खिसक रही हैं. इंडियन-ऑस्ट्रेलियन टेक्टोनिक प्लेट उत्तर की ओर खिसक रही है. फिलिपीन्स प्लेट पश्चिम की तरफ जा रही है. अब इन तीनों प्लेटों में टकराव या खिसकाव की वजह से ज्वालामुखियों में विस्फोट होता रहता है.

इंडोनेशिया को फटते हुए ज्वालामुखियों का देश भी कहा जाता है. यह देश पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के ऊपर बसा है. इस इलाके में सबसे ज्यादा भौगोलिक और भूगर्भीय गतिविधियां होती हैं. जिसकी वजह से भूकंप, सुनामी, लावा के गुंबदों का बनना आदि होता रहता है. इंडोनेशिया का सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी केलूट और माउंट मेरापी हैं