मारपीट के आरोपी IPS सुशील कुमार बिश्नोई और IAS गिरधर निलंबित

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IPS Sushil Kumar Bishnoi suspended:राजस्थान में गहलोत सरकार ने आईपीएस सुशील कुमार और आईएएस गिरधर को निलंबित कर दिया है। राज्य के कार्मिक विभाग ने देर रात निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए है। आदेश में कहा है कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच कार्यवाही विचाराधीन है। उल्लेखनीय है कि अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त गिरधर और गंगापुर के विशेषाधिकारी सुशील कुमार विश्नोई (आईपीएस) पर कुछ लोगों के साथ मिलकर गेगल थाना क्षेत्र में एक होटल कर्मचारियों के साथ मारपीट का आरोप है। रविवार रात हुई इस घटना के वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने आईपीएस और आईएएस के साथ मारपीट में शामिल टोंक के चार कर्मचारियों को भी निलम्बित कर दिया। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

डीजीपी ने दिए थे विभागीय जांच के आदेश

मरापीट मामले के वीडियो वायरल होने के बाद डीजीपी उमेश मिश्रा ने सुशील कुमार के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद राज्य सरकार ने निलंबित करने का निर्णय लिया। निलम्बन काल में सुशील कुमार विश्नोई पुलिस मुख्यालय व गिरधर को शासन सचिवालय में अपनी उपस्थिति देंगे। इसके अलावा टोंक के दाखिया के पटवारी नरेन्द्रसिंह दहिया, टोंक कलक्ट्रेट के कनिष्ट लिपिक हनुमान प्रसाद चौधरी और एसडीएम टोंक के गनमैन मुकेश कुमार चौधरी को निलम्बित किया गया है। मामले में टोंक तहसीलदार रामधन गुर्जर भी नामजद है।

मारपीट के वीडियो वायरल

बता दें अजमेर हाईवे स्थित होटल मकराना राज में रविवार रात करीब दो बजे आईपीएस सुशील ने अपनी मित्र मंडली के साथ महफिल जमा रखी थी। तभी होटलकर्मियों से विवाद हो गया। गिरधर पहले टोंक में पदस्थापित थे। टोंक के कर्मचारी उन्हीं के साथ आए थे। विवाद होने पर अधिकारी कार में सवार होकर रवाना हो गए। वे थोड़ी देर बाद पुलिस के साथ लौटे और होटल में उपस्थित कर्मचारियों की जबरदस्त पिटाई की। मारपीट में पुलिसकर्मी भी शामिल थे। गेगल थाना पुलिस ने प्रकरण में पांच आरोपियों को नामजद कर शांतिभंग में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

सुशील कुमार पर लग चुका है रेप का आरोपी

आईपीएस सुशील कुमार पर रेप का आरोप भी लग चुका है। दिसंबर 2019 में एक युवती ने जोधपुर के देवनगर थाने में रिपोर्ट दी थी कि साल 2017 में उसकी सगाई बीकानेर के लालगढ़ रामपुरा कॉलोनी निवासी सुशील कुमार से हुई थी। 2018 में सुशील सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी के लिए जोधपुर आया। यहां उसने पीड़िता से रेप किया। इसी दौरान उसका आईपीएस में चयन हो गया। जून 2019 में ट्रेनिंग के दौरान सुशील ने पीड़िता को सगाई तोड़ने का मैसेज किया। परिजनों ने भी समझाइश का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। पुलिस ने आरोपी आईपीएस के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया था। युवती के परिजनों ने आरोपी पर 40 ग्राम सोना और करीब आठ लाख रुपए हड़पने का आरोप भी लगाया। हालांकि, जांच के बाद पुलिस ने एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी थी। करीब तीन साल पहले भी बिहार की रहने वाली एक युवती ने भी प्रशिक्षु सुशील कुमार के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाया था। युवती की ओर से दिल्ली सेंट्रल स्थित रंजीत नगर थाने में 14 दिसंबर 2020 को केस दर्ज करवाया था। मामले में आगे की जांच क्राइम ब्रांच ने की थी। इसके बाद केस में एफआर लग गई थी।

कृषि वैज्ञानिक रहे हैं आईपीएस बिश्ननोई

बीकानेर के रामपुरा बस्ती के रहने वाले सुशील बिश्नोई आईपीएस बनने से पहले उत्तरखंड के अल्मोड़ा में कृषि वैज्ञानिक थे। सुशील के पिता गणपतराम आरएएसी में हवलदार थे। पहली बार 2015 में परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें दो साल सफलता नहीं मिली। तीसरे प्रयास में 2017 में इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन अंतिम चयन सूची में स्थान नहीं मिला। साल 2018 में उनका चयन यूपीएससी में हुआ। सुशील कुमार विश्नोई का हाल ही में नया बने जिले गंगापुर सिटी में ओएसडी पद पर ट्रांसफर हुआ है। इससे पहले वे एएसपी अजमेर सिटी के पद पर कार्यरत थे।

गिरधर बेनीवाल की थी 61वीं रैंक

नागौर के खींवसर के गांव ईशरनावड़ा के रहने वाले गिरधर बेनीवाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2018 में 61वीं रैंक हासिल की थी। इससे पहले उन्होंने आरएएस 2016 में 413वीं रैंक हासिल की थी। वे इंजीनियर भी रहे हैं। गिरधर वर्तमान में अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त पद पर पोस्टेड थे। इससे पहले उपखंड अधिकारी टोंक व भवानी मंडल झालावाड़ भी रह चुके हैं।