इजरायल और हमास के बीच थमने का नाम नहीं ले रही है और दोनों के बीच लगी आग सीरिया तक पहुंच चुकी है. अक्टूबर की शुरुआत में शुरू हुए युद्ध के बाद से अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है, तो सार्वजनिक संपत्तियों का भी भारी नुकसान हुआ है.
हमास ने अचानक हमला क्या किया इजरायल ने करारा जवाब देते हुए इस फिलिस्तीनी आतंकी ग्रुप के ठिकाने पर बुरी तबाही मचाई है. इजरायल के चौतरफा वार से जहां लोग खाने से लेकर दवाइयों तक के लिए मोहताज हैं, तो नहीं Hamas को आर्थिक रूस से भी ऐसा नुकसान पहुंचा है कि वो उबरता हुआ नजर नहीं आ रहा है.
पानी की बूंद-बूंद को तरस रहा गाजा
बीते 7 अक्टूबर को Hamas की ओर से कथित तौर पर इजरायल पर ताबड़तोड़ 5,000 रॉकेट दागे गए और कत्लेआम मचाया गया. लेकिन इसके जवाब में इजरायल ने जो ऑपरेशन शुरू किया वो अभी भी जारी है. इजरायली बमबारी में हमास का ठिकाना गाजा पट्टी खंडहर में तब्दील हो गया है और वहां के लोग खाने-पीने से लेकर बिजली-दवाइयों तक के लिए मोहताज हो गए हैं
हमास के साथ युद्ध का ऐलान करने के साथ ही इजरायल की ओर से गाजा में होने वाली सभी तरह की सप्लाई बंद कर दी गई थी, जो अभी भी जारी है. युद्ध के हालात में गाजा के लोग खाने को मोहताज है. पानी की सप्लाई रोकने से हालात और भी विकराल हो गए हैं. यहां बता दें फिलिस्तीनी जल प्राधिकरण के अनुसार, 2021 में गाजा का लगभग 90 फीसदी पानी भूजल कुओं से आता था, तो वहीं बाकी 10% जल आपूर्ति इजराइल की राष्ट्रीय जल कंपनी, मेकोरोट के जरिए होती थी, जिसे रोक दिया गया है और बमबारी में कुएं तबाह हो गए हैं
गाजा पट्टी में इजरायली बमबारी से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोग दूसरे स्थानों के लिए पलायन कर गए हैं, लेकिन जो बचे हैं वे इजरायल की ओर से बिजली सप्लाई ठप होने से अंधेरे में जीने को मजबूर हैं. बिजली पानी के अलावा ट्रांसपोर्टेशन ठप होने से लोग भोजन की कमी से बेहाल हैं. इंटरनेट सेवाएं ठप हो चुकी हैं. तो दूसरी ओर गाजा के लोगों के लिए दवाओं के ट्रांसपोर्टेशन को भी इजरायली फोर्स की मूवमेंट ने बुरी तरह से प्रभावित किया है. खाना-पानी की किल्लत से बदहाल लोगों पर दवाइयों की कमी किसी त्रासदी की तरह प्रभाव डाल रही है