सांसदों के संस्पेंशन के हंगामे के बीच बुधवार 20 दिसंबर को लोकसभा में एक बेहद ही महत्वपूर्व बिल पास हो गया। हंगामे और शोर-शराबे के बीच लोकसभा में देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर नया कानून बनाने के लिए लाए गए दूरसंचार विधेयक, 2023 को लोकसभा ने बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसमें प्रशासनिक तरीके से उपग्रह संचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन का प्रस्ताव है।
लोकसभा में पास होने के बाद अब इसे राज्यसभा में भेज दिया गया है। यहां पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। अगर वह इस बिल पर हस्ताक्षर कर देते हैं और देश में टेलीकम्युनिकेशन को लेकर कई बड़े बदलाव आ जायेंगे। इस बिल में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति फर्जी सिम खरीदता है तो उसे 3 साल की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। इसके साथ ही इस बिल में कंपनियों को कहा गया है कि वह अपने ग्राहकों को सिम देने से पहले उनकी अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करेंगे।
इसके साथ ही यह बिल सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क के टेक ओवर, मैनेजमेंट या उसे सस्पेंड करने की अनुमति देगा। यानी, युद्ध जैसी स्थिति में जरूरत पड़ने पर सरकार टेलीकॉम नेटवर्क पर मैसेजेज को इंटरसेप्ट कर सकेगी। इसके साथ ही इस बिल में लाइसेंस सिस्टम में कई बदलाव प्रस्तावित हैं। अभी तक कम्पनियों को अलग-अलग सर्विसों को लेकर अलग-अलग लाइसेंस, अनुमति और पंजीकरण कराना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा करना काफी हद तक कम हो जाएगा।
इसके साथ ही मोबाइल उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी शिकायत प्रमोशनल कॉल्स को लेकर रहती है। समस्या से हर रोज परेशान रहते होंगे। वक्त बेवक्त क्रेडिट कार्ड और लोन लेने के लिए फ़ोन आते होंगे। अब इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए भी सरकार ने इस बिल में प्रावधान किया है। इस बिल में कहा गया है कि ऐसे प्रमोशनल कॉल और मेसेज भेजने से पहले उनकी सहमति लेनी होगी। इसमें यह भी बताया गया है कि टेलीकॉम सर्विसेज देने वाली कंपनी को एक ऑनलाइन मैकेनिज्म बनाना होगा, जिससे यूजर्स अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सके।