बालाघाट का जैन दादाबाड़ी इन दिनों जैन समाज ही नहीं बल्कि सभी के लिए उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है। यहां जैन मुनि श्री विरागमुनि जी (46) उपवास पर हैं। वो भी कुछ दिनों से नहीं, बल्कि पूरे 171 दिन से। बुधवार को 172वां दिन है, लेकिन उन्होंने ईश्वरीय मर्यादा को ध्यान में रखते हुए बुधवार को उपवास बंद कर पारणा का निश्चय किया है। ये ईश्वरीय मर्यादा ये है कि भगवान महावीर स्वामी ने अपने जीवनकाल में 178 दिन के उपवास रखे थे। इससे अधिक दिनों तक उपवास का वर्णन जैन समाज में नहीं है।
डॉक्टर्स की एक रिसर्च टीम ने मुनि श्री विरागमुनि जी की सेहत की जांच की है और उन्हें पूरी तरह फिट देखकर हैरानी भी जताई है। ये रिपोर्ट टीम WHO को देगी।
उपवास के दौरान ही तीन राज्यों की पदयात्रा
15 जून 2023 को निराहर रहने का संकल्प लेकर चंद्रपुर से निकले मुनि श्री विरागमुनि जी छत्तीसगढ़ पहुंचे। यहां राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, खैरागढ़ से मध्यप्रदेश के बालाघाट तक सफर किया। इस दौरान उन्होंने कुल मिलाकर करीब 400 किमी की पदयात्रा कर ली है।
दिनचर्या और गुरुओं एवं साथियों के लिए आहार लेने स्वयं जाते
मुनि श्री की दिनचर्या सुबह 3 बजे से शुरू हो जाती है, जो रात्रि विश्राम तक चलती है। इस दौरान वे प्रातः उपाध्याय, प्रवचन, दोपहर अध्ययन, गुरुओं और साथी छोटे साधुओं के लिए आहार लेने वे स्वयं जाते हैं। उनकी गतिशीलता विश्राम तक चलती रहती है। सूरज डूबने के पहले गर्म पानी की अंतिम बूंद जो ले ली, वही आहार है। इसके बाद गर्म पानी भी नहीं लेते।