Jewar Airport News : हर साल 7 करोड़ यात्रियों को सेवाएं देगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जाने कब शुरू होंगी उड़ाने

राष्ट्रीय

नई दिल्ली: गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बनने जा रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट योगी सरकार की महत्‍वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। यह एयरपोर्ट इस लिहाज से भी खास है, क्‍योंक‍ि ये उत्‍तर प्रदेश का पांचवां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। देश में अभी तक तमिलनाडु और केरल ही ऐसे राज्य हैं, जहां 4-4 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। मतलब आने वाले समय में उत्‍तर प्रदेश सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला राज्‍य हो जाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राईवेट लिमिटेड द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से पीपीपी मॉडल के तहत 5,730 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित किया जा रहा है। वाईआईएपीएल के लिए रियायत की अवधि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए 1 अक्टूबर, 2021 से 40 सालों के लिए शुरू हुई। यह एयरपोर्ट 1300 हेक्टेयर जमीन में फैला है और इसका निर्माण चार चरणों में किया जाएगा। इसका पहला चरण 2024 के अंत तक काम करना शुरू कर देगा। पहले चरण के दौरान एक रनवे और एक टर्मिनल प्रतिवर्ष 12 मिलियन यात्रियों के ट्रैफिक को संभाल सकेगा। अंतिम चरण पूरा हो जाने के बाद इस एयरपोर्ट के दो टर्मिनल और दो रनवे होंगे, जो हर साल 70 मिलियन यात्रियों को संभालेंगे।

इस तरह का होगा डिजाइन
इस एयरपोर्ट के डिज़ाईन की प्रेरणा भारत से ली गई है, और इस क्षेत्र के वास्तुकला से प्रेरित अनेक तत्वों को डिज़ाईन में शामिल किया गया है। इस टर्मिनल के बाहरी कोर्ट की सीढ़ियां वाराणसी और हरिद्वार के मशहूर घाटों से प्रेरित हैं। ये लोगों का स्वागत कर उन्हें एक साथ लाती हैं। हवेली का रूप व अहसास प्रदान करते हुए कोर्टयार्ड से ताजा हवा और धूप टर्मिनल के भवन में प्रवेश करती है। क्षेत्र की महत्वपूर्ण नदियों से प्रेरित, सफेद, ट्रांसलुसेंट,और लहरदार छत बहती नदी का प्रभाव उत्पन्न करती है। यात्री टर्मिनल में बारीक कला से बनी जालीदार स्क्रीन हैं, जो भारतीय वास्तुकला से प्रेरित हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश राज्य में एक भव्य प्रवेश का प्रदर्शन करेगा।

एयरपोर्ट पर होंगे दो यात्री टर्मिनल
पूरा हो जाने के बाद इस एयरपोर्ट में दो यात्री टर्मिनल होंगे। टर्मिनल 1 में हर साल 30 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी और टर्मिनल 2 में हर साल 40 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी। यात्रियों के आवागमन के लिए इन टर्मिनल्स को आपस में जोड़ा जाएगा, पैदल चलने की दूरी और पर्यावरण पर प्रभाव को कम किया जाएगा। इसके अलावा, मॉड्युलर डेवलपमेंट प्लान द्वारा निर्माण के दौरान कार्यों पर प्रभाव को कम किया जाएगा। इंटर-टर्मिनल कनेक्टर हवाई जहाज और उनके ऑपरेशंस का लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

बनाया जाएगा ट्रांसपोर्टेशन सेंटर
एनआईए में एक मल्टी-मोडल ट्रांज़िट हब ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर में विकसित किया जाएगा, जो परिवहन के विभिन्न सार्वजनिक और निजी माध्यमों के बीच सुगम कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। जीटीसी में मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन, टैक्स, बस सेवाएं, और प्राईवेट पार्किंग के साथ एक विशाल कॉन्कोर्स क्षेत्र होगा। यहां कमर्शियल स्पेस, रेस्टोरेंट्स और लाउंज होंगे।

फॉरेस्ट पार्क का होगा विकास
एनआईए ने प्रोजेक्ट स्थल से पेड़ों का इस्तेमाल कर एक फॉरेस्ट पार्क का विकास करने के लिए 8 हेक्टेयर जमीन हासिल कर ली है। यह लोगों को अपना खाली समय बिताने के लिए जगह प्रदान करेगा। यह एयरपोर्ट के लिए एक सस्टेनेबल हरित क्षेत्र होगा।

इस तरह होगा डेवलेपमेंट
हाल ही में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राईवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एनआईए) की इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और निर्माण (ईपीसी) के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का चयन किया। टाटा प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर टर्मिनल, रनवे, एयरसाईड इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़कों, यूटिलिटीज़, लैंडसाईड सुविधाओं, एवं अन्य सहयोगी भवनों का निर्माण करेगा। टाटा प्रोजेक्ट्स का प्रभावशाली इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने का विशाल अनुभव है। उनके कुछ प्रोजेट्स में नया संसद भवन, मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स के विभिन्न स्ट्रेच, और मुंबई, पुणे, दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद, और चेन्नई सहित विभिन्न शहरों में मेट्रो रेल लाईन शामिल हैं। इस साल इससे पूर्व एयरपोर्ट पर डिजिटल वातावरण के विकास के लिए एक फ्यूल फार्म कॉन्ट्रैक्ट कंसेशन ऑयल स्काईटैंकिंग लिमिटेड (आईओएसएल) को दिया गया, जबकि आईकैड होल्डिंग लिमिटेड को मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर (एमएसआई) कंसल्टैंट बनाया गया। मल्टी-मोडल कार्गो हब और इंटीग्रेटेड फ्लाईट और सेंट्रल किचन के लिए निविदाएं भी जारी की गई हैं।